हरियाणा में एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी का निर्माण शुरू

हरियाणा जंगल सफारी: एशिया की सबसे बड़ी सफारी का डिज़ाइन तैयार
हरियाणा जंगल सफारी: एशिया की सबसे बड़ी सफारी का डिज़ाइन तैयार, पीएम मोदी ने दी मंजूरी: हरियाणा सरकार का लंबे समय से प्रतीक्षित प्रोजेक्ट, हरियाणा जंगल सफारी, अब कार्यान्वयन के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पहल पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। यह सफारी न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यह सफारी नूंह और गुरुग्राम के 10 गांवों में लगभग 10,000 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी। वन विभाग ने इसका डिज़ाइन तैयार कर लिया है, जिसे पीएम मोदी ने सराहा है। यह प्रोजेक्ट एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी बनने जा रहा है, जो हरियाणा को देश के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगा।
चार प्रवेश द्वार से शुरू होगी सफारी
इस जंगल सफारी में चार प्रमुख प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। पहला द्वार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के निकट होगा। दूसरा द्वार तावडू-सोहना रोड पर नौरंगपुर के पास स्थापित किया जाएगा। तीसरा द्वार सकतपुर गांव में होगा और चौथा द्वार अलवर हाईवे पर सोहना की ओर प्रस्तावित है।
इन द्वारों के माध्यम से पर्यटक आसानी से सफारी में प्रवेश कर सकेंगे। प्रवेश द्वारों की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि दिल्ली-एनसीआर से आने वाले लोगों को सफारी तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो। यह प्रोजेक्ट हरियाणा के इको-टूरिज्म को नई दिशा प्रदान करेगा।
वनतारा की तर्ज पर होगा विकास
इस सफारी का विकास गुजरात के जामनगर में वनतारा अभयारण्य विकसित करने वाली एजेंसी द्वारा किया जाएगा। यह एजेंसी वन विभाग के सहयोग से पहले चरण में 3,000 एकड़ में सफारी का निर्माण शुरू करेगी। मुख्यमंत्री सैनी, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और मनोहर लाल ने अरावली क्षेत्र का दौरा कर इसकी संभावनाओं का आकलन किया है।
केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी ताकि विकास एजेंसी बिना किसी रुकावट के कार्य कर सके। यह सफारी पर्यावरण, रोजगार और पर्यटन के क्षेत्र में हरियाणा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।