हरियाणा में किसानों के लिए सेवा पखवाड़ा: आत्मनिर्भरता और आय वृद्धि का लक्ष्य

किसानों के लिए सेवा पखवाड़ा का ऐलान
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने की घोषणा
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस अवधि में सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है। चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों की बैठक में मंत्री राणा ने कहा कि इस अभियान के दौरान किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उन्हें आधुनिक खेती के तरीकों से अवगत कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन से शुरू होगा अभियान
यह सेवा पखवाड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से शुरू होकर महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक चलेगा।
किसानों से संवाद के लिए अधिकारी गांवों में जाएंगे
इस विशेष पखवाड़े के दौरान अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद करेंगे। यह अभियान एक जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा, ताकि हर किसान तक सरकार की योजनाएं सही तरीके से पहुंच सकें।
खेती के नए तरीकों की जानकारी
सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत विशेष प्रदर्शनियां और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें किसानों को फसल विविधिकरण, आधुनिक खेती के तरीके, उन्नत किस्मों के बीज, गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री, और वैज्ञानिक ढंग से खेती करने के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा प्राकृतिक खेती और जैविक खेती के फायदे भी किसानों को बताए जाएंगे।
सरकारी योजनाओं की जानकारी
इस अभियान में किसानों को कई लाभकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाएगा, जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, हरियाणा सरकार की सॉयल हेल्थ कार्ड योजना, ड्रिप और माइक्रो इरिगेशन प्रणाली आदि।
जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम
राज्य सरकार ने तय किया है कि सेवा पखवाड़ा के दौरान हर जिले और ब्लॉक स्तर पर किसान सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इन सेमिनारों में किसानों को बेहतर बीजों की जानकारी, जल संरक्षण के तरीके, और कृषि यंत्रों के प्रयोग का व्यावहारिक ट्रेनिंग दिया जाएगा।
बागवानी और मत्स्य पालन को भी मिलेगा बढ़ावा
सेवा पखवाड़ा केवल खेती तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बागवानी और मत्स्य पालन विभाग भी किसानों को अपनी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास करेंगे।