हरियाणा में फर्जी बीपीएल कार्डों के खिलाफ सैनी सरकार की सख्त कार्रवाई

हरियाणा में फर्जी बीपीएल कार्डों पर कार्रवाई
हरियाणा में फर्जी बीपीएल कार्ड: सैनी सरकार ने की बड़ी कार्रवाई: 4 लाख कार्ड रद्द, सिरसा में मचा हड़कंप: हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) राशन कार्डों में धोखाधड़ी के खिलाफ सैनी सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, राज्यभर में लगभग चार लाख फर्जी बीपीएल राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं, जिससे अपात्र व्यक्तियों द्वारा योजना के दुरुपयोग पर रोक लगाई गई है।
इस कार्रवाई ने सिरसा जिले में विशेष रूप से हलचल मचा दी है, जहां 26,000 से अधिक परिवारों ने भय के कारण अपने बीपीएल कार्ड स्वेच्छा से वापस कर दिए। यह कदम सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, और यह सुनिश्चित करता है कि असली जरूरतमंदों को ही लाभ मिले।फर्जी बीपीएल कार्ड
सिरसा में इस कार्रवाई का प्रभाव सबसे अधिक देखा गया, जहां 500 से अधिक फर्जी बीपीएल कार्ड वापस किए गए। सरकार ने अपात्र परिवारों को 20 अप्रैल तक का समय दिया था कि वे अपने फर्जी कार्ड जमा कर दें, ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
इस बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा डिजिटल तकनीक और फैमिली आईडी योजना के माध्यम से हुआ। इस योजना के तहत परिवारों की आय और संपत्ति की जानकारी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्ज किया गया, जिससे फर्जी कार्डधारकों की पहचान करना आसान हो गया। यह तकनीकी पहल सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
हालांकि, इस मामले ने कुछ गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं। कई मामलों में अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि उच्च आय वाले परिवारों ने भी बीपीएल कार्ड प्राप्त कर लिए थे। सत्यापन प्रक्रिया में लापरवाही या जानबूझकर की गई अनदेखी ने इस धोखाधड़ी को बढ़ावा दिया।
बीपीएल कार्ड रद्द होने के पीछे कई कारण सामने आए हैं, जैसे परिवार की वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से अधिक होना, सरकारी नौकरी या पेंशन, चार पहिया वाहन का मालिकाना, बड़ा मकान, या बिजली का अधिक बिल। सरकार ने अब ऐसी अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई शुरू की है, ताकि केवल पात्र परिवारों को ही बीपीएल योजना का लाभ मिले।