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हिम्बा जनजाति: एक बार नहाने वाली महिलाएं और उनकी अनोखी संस्कृति

उत्तरी नामीबिया की हिम्बा जनजाति की महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में केवल एक बार नहाती हैं, जो शादी के दिन होता है। पानी की कमी के कारण, वे खुद को जड़ी-बूटियों के धुएं से साफ रखती हैं। इस अनोखी परंपरा के साथ-साथ, उनकी खूबसूरती और जटिल हेयरस्टाइल भी उन्हें खास बनाते हैं। जानें इस जनजाति के बारे में और उनकी जीवनशैली के बारे में और अधिक जानकारी।
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हिम्बा जनजाति: एक बार नहाने वाली महिलाएं और उनकी अनोखी संस्कृति

हिम्बा जनजाति की अनोखी परंपरा

नई दिल्ली - दुनिया भर में विभिन्न जनजातियों की अनोखी प्रथाएं और संस्कृतियां हैं। आज हम आपको एक ऐसी जनजाति के बारे में बताएंगे, जहां की महिलाएं अपनी पूरी जिंदगी में केवल एक बार ही नहाती हैं। इनकी खूबसूरती देखकर आप हैरान रह जाएंगे।



यह जनजाति उत्तरी नामीबिया के कुनैन क्षेत्र में बसी हुई है। हिम्बा महिलाएं अपने विवाह के दिन केवल एक बार पानी से स्नान करती हैं। पानी की कमी के कारण, वे खुद को जड़ी-बूटियों के धुएं से साफ रखती हैं, जो बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है।


हिम्बा महिलाएं हेमाटाइट और जानवर की चर्बी से बना एक लोशन लगाती हैं, जो उनकी त्वचा को सूरज की किरणों और कीड़ों से बचाता है। इनकी लाल त्वचा और जटिल हेयरस्टाइल के लिए ये महिलाएं जानी जाती हैं।


हिम्बा जनजाति पूरी तरह से पशुपालन पर निर्भर है, और इनकी जनसंख्या लगभग 20,000 से 50,000 के बीच है। इस समाज में महिलाओं को आर्थिक निर्णय लेने का अधिकार है, और यहां एक से अधिक विवाह करने की अनुमति भी है।


हिम्बा जनजाति: एक बार नहाने वाली महिलाएं और उनकी अनोखी संस्कृति


हिम्बा जनजाति: एक बार नहाने वाली महिलाएं और उनकी अनोखी संस्कृति