Newzfatafatlogo

अखिलेश यादव का बड़ा बयान: ईडी पर कांग्रेस की जिम्मेदारी और ओडिशा में पार्टी विस्तार की योजना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ओडिशा दौरे के दौरान ईडी पर कांग्रेस की जिम्मेदारी और पर्यावरण के मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ईडी को समाप्त कर देना चाहिए और उत्तर प्रदेश में अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाई। इस यात्रा का उद्देश्य ओडिशा में पार्टी का विस्तार करना है। जानें उनके विचार और पर्यावरण के प्रति उनकी चिंता के बारे में।
 | 

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, अखिलेश यादव ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से जुड़े चार्जशीट मामले पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर सीधा हमला करते हुए कहा कि "कांग्रेस ने ईडी की स्थापना की थी और अब वही पार्टी इसके निशाने पर है।" उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि "ईडी जैसे संस्थान को समाप्त कर देना चाहिए।"


ओडिशा दौरे का उद्देश्य

अखिलेश यादव वर्तमान में ओडिशा के दौरे पर हैं। उन्होंने बताया कि वह पहले भी ओडिशा आ चुके हैं, लेकिन इस बार लंबे समय बाद आए हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ओडिशा में समाजवादी पार्टी की गतिविधियों को पुनः सक्रिय करना और पार्टी का विस्तार करना है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि ओडिशा में संगठन को मजबूत किया जाए और जनता के साथ मिलकर काम किया जाए।


योगी सरकार पर पर्यावरण के मुद्दे पर हमला

ओडिशा दौरे के दौरान, अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इटावा में चंबल के बीहड़ों में हो रहे अवैध खनन के बारे में कहा कि यूपी के अधिकारियों की मिलीभगत से पहाड़ों का अस्तित्व मिट रहा है और चंबल के पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है।


सोशल मीडिया पर उठाए सवाल

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक तीखा पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "इटावा में सुमेर सिंह किले के पास के पहाड़ क्या अधिकारियों के साथ ही बस्ती-गोरखपुर की तरफ ट्रांसफर कर दिए गए हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी बदलते रहेंगे, लेकिन जो प्राकृतिक संपदा भ्रष्टाचार के कारण नष्ट हो गई, वह वापस नहीं आएगी.


पर्यावरण के लिए नारा

अपने पोस्ट के अंत में, अखिलेश ने पर्यावरण के मुद्दे पर एक नारा दिया, "पर्यावरण कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।" उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का विनाश किया जा रहा है, जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।