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एकनाथ शिंदे का पाकिस्तान पर कड़ा बयान: मोदी देंगे सबक

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पाकिस्तान के खिलाफ एक सख्त बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसे सबक सिखाएंगे। शिंदे ने पाकिस्तान की नीयत पर संदेह जताते हुए कहा कि भारत हमेशा अपने वादों को निभाता है, जबकि पाकिस्तान ने कई बार समझौतों का उल्लंघन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है और पाकिस्तान को उचित जवाब देने के लिए सक्षम है। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और भारत-पाकिस्तान सीमा की वर्तमान स्थिति।
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एकनाथ शिंदे का पाकिस्तान पर कड़ा बयान: मोदी देंगे सबक

एकनाथ शिंदे का बयान


महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पाकिस्तान के खिलाफ एक सख्त बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 'कुत्ते की दुम की तरह टेढ़ा' है और यदि वह अपनी गलतियों से नहीं सीखता, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसे सबक सिखाएंगे। शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की नीयत पर भरोसा नहीं किया जा सकता, जिसके कारण पीएम मोदी ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुए सीजफायर समझौते पर कोई टिप्पणी नहीं की।


सीजफायर की स्थिति

शिंदे ने बताया कि दोनों देशों के बीच सीजफायर की सहमति थी, लेकिन पाकिस्तान ने इसे तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने वादों को निभाता है, जबकि पाकिस्तान ने कई बार शस्त्र संधि का उल्लंघन किया है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान को सुधारने का एक मौका दिया था, लेकिन शिंदे के अनुसार, पाकिस्तान में सुधार की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अब पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है।


भारत की ताकत

एकनाथ शिंदे ने कहा कि पाकिस्तान को बार-बार अपनी नापाक हरकतों का जवाब मिलेगा। भारत इतनी शक्तिशाली है कि वह पाकिस्तान को उचित जवाब देने में सक्षम है। पाकिस्तान को यह पता है कि यदि वह भारत से टकराएगा, तो उसे हार का सामना करना पड़ेगा।


सीमा पर शांति

इस बीच, भारत-पाकिस्तान सीमा पर वर्तमान में शांति बनी हुई है। पाकिस्तान की ओर से किसी हमले की कोई सूचना नहीं आई है और राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है। हालांकि, भारतीय सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। भारत के आक्रामक रवैये के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी दोनों देशों के बीच संघर्षविराम पर सहमति जताई।