कर्नल सोफिया कुरैशी और डॉ. शायना सुनसारा: प्रेरणा की मिसाल

एक प्रेरणादायक कहानी
जहां एक ओर पूरा देश कर्नल सोफिया कुरैशी के पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानकारी देने पर गर्व महसूस कर रहा है, वहीं उनकी जुड़वां बहन, डॉ. शायना सुनसारा की भावनाएं और भी गहरी हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गुजरात के वडोदरा में एक सैन्य परिवार में जन्मी ये बहनें अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। यह कहानी न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलताओं को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि महिलाएं दृढ़ संकल्प और मेहनत से हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकती हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी: सैन्य क्षेत्र की नायिका
कर्नल सोफिया कुरैशी ने 2016 में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी बनकर सुर्खियां बटोरीं। 1999 में भारतीय सेना के कोर ऑफ सिग्नल्स में शामिल होने के बाद, उन्होंने अपने करियर में कई कीर्तिमान स्थापित किए। 1997 में महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाली कुरैशी वर्तमान में मेकनाइज्ड इन्फैंट्री में एक प्रमुख अधिकारी हैं।
उनके पति भी सेना में कार्यरत हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने देश का मान बढ़ाया। कुरैशी ने अपनी प्रेरणा के बारे में कहा, 'मेरी परदादी रानी लक्ष्मी बाई के साथ थीं, और वे मेरी प्रेरणा हैं।' उनकी यह भावना उन्हें सैन्य क्षेत्र में एक प्रतीक बना देती है।
डॉ. शायना सुनसारा: एक बहुआयामी व्यक्तित्व
डॉ. शायना सुनसारा भी अपनी बहन कर्नल सोफिया की तरह एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं। वे एक मां, अर्थशास्त्री, पूर्व सेना कैडेट, फैशन डिजाइनर और पर्यावरण प्रेमी हैं। वडोदरा में 'वंडर वुमन' के नाम से जानी जाने वाली शायना ने मिस गुजरात, मिस इंडिया अर्थ 2017 और मिस यूनाइटेड नेशंस 2018 का ताज अपने नाम किया है।
इसके अलावा, वे राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट (राष्ट्रपति पुरस्कार) भी हैं। 2018 में भारतीय फैशन उद्योग में उनके योगदान के लिए उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गुजरात में 100,000 पेड़ लगाने की उनकी पहल पर्यावरण के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है।
परिवार और देश के लिए गर्व का पल
जब कर्नल सोफिया कुरैशी 'ऑपरेशन सिंदूर' पर जानकारी दे रही थीं, तब डॉ. शायना और उनका परिवार गर्व से इस पल को देख रहे थे। शायना ने बताया कि उन्हें या उनके परिवार को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं थी। एक रिश्तेदार के फोन कॉल के बाद ही उन्होंने टीवी पर यह खबर देखी। शायना ने कहा, 'यह न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का पल था। हमारे सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना अच्छा जवाब दिया।'