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क्या चीन ने कोविड-19 को छिपाने में भूमिका निभाई? अमेरिका ने 24 बिलियन डॉलर का हर्जाना लगाया

अमेरिका के मिसौरी राज्य में एक न्यायाधीश ने चीन को कोविड-19 महामारी के छिपाने और PPE के जमाखोरी के लिए 24 बिलियन डॉलर का हर्जाना देने का आदेश दिया है। यह मामला 2020 में दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चीन ने PPE के उत्पादन और आपूर्ति को रोककर महामारी को बढ़ावा दिया। न्यायाधीश ने कहा कि इस प्रक्रिया में मिसौरी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। चीन ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।
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चीन पर कोविड-19 महामारी को छिपाने का आरोप

चीन को कोविड-19 के छिपाने का दोषी ठहराया गया:  अमेरिका के मिसौरी राज्य में एक न्यायाधीश ने चीन को कोविड-19 महामारी के छिपाने और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) के जमाखोरी के लिए जिम्मेदार ठहराया है. अदालत ने चीन को 24 बिलियन डॉलर का हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है. कोविड-19 के मामलों की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन से हुई थी और अब तक इस महामारी ने 7,087,718 लोगों की जान ली है.


मिसौरी राज्य का मुकदमा

मिसौरी राज्य ने 2020 में चीन, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और अन्य संबंधित संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि चीन ने PPE के उत्पादन, खरीद और आयात-निर्यात को रोककर कोविड-19 महामारी को और बढ़ावा दिया. इसके साथ ही चीन पर यह भी आरोप था कि उसने अमेरिकी फैक्ट्रियों को राष्ट्रीयकरण करके PPE की जमाखोरी की और इसे दुनिया भर में भेजने से रोका.


मिसौरी राज्य को हुआ वित्तीय नुकसान

मिसौरी राज्य को कोरोना से हुआ भारी नुकसान

अमेरिकी न्यायाधीश स्टीफन एन लिमबॉघ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि चीन ने PPE के वैश्विक आपूर्ति को अपने कब्जे में लेने के लिए गलत जानकारी फैलाई और महामारी की शुरुआत, उसके पैमाने और मानव से मानव में प्रसार के बारे में झूठ बोला. इस प्रक्रिया में मिसौरी राज्य को काफी वित्तीय नुकसान हुआ, जिसमें अतिरिक्त PPE पर 122 मिलियन डॉलर खर्च और 8 बिलियन डॉलर से अधिक की कर आय का नुकसान शामिल था.


चीन का प्रतिक्रिया

करीब 6 साल बाद आया फैसला

चीन ने इस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि यह मुकदमा तथ्यों, कानून और अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अगर चीन के हितों को नुकसान होता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पलटवार करेगा. यह फैसला कोविड-19 के शुरू होने के लगभग छह साल बाद आया है, और इसने महामारी के दुष्परिणामों को लेकर चीन पर दबाव बढ़ा दिया है.