गाजा में इजरायल-हमास तनाव: अमेरिका ने इजरायल को दी कड़ी चेतावनी
गाजा में तनाव की स्थिति
गाजा में इजरायल और हमास के बीच तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है। सीजफायर का पहला चरण समाप्त होने के बाद एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, और दूसरे चरण की कोई जानकारी नहीं है। रमजान के पवित्र महीने में, इजरायल ने पहले गाजा में राहत सामग्री ले जाने वाले ट्रकों को रोका और अब गाजा की बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी है, जिसके चलते इसकी व्यापक आलोचना हो रही है। इस बीच, गाजा में युद्धविराम को लेकर अमेरिका और हमास के प्रतिनिधियों के बीच गुप्त वार्ता हुई, जिस पर इजरायल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इजरायल का कहना है कि इस बैठक में उसे भी शामिल किया जाना चाहिए था।
अमेरिका का इजरायल को स्पष्ट संदेश
इजरायल की आलोचना पर अमेरिका ने स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया है। अमेरिका के बंधक मामलों के विशेष दूत एडम बोहलर ने कहा, "हम इजरायल के एजेंट नहीं हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि यह वार्ता अमेरिकी बंधकों की रिहाई के लिए की गई थी, लेकिन उनका उद्देश्य सभी बंधकों की रिहाई था। बोहलर ने कहा, "हम दो हफ्तों तक बस इंतजार नहीं कर सकते थे।"
युद्धविराम और निरस्त्रीकरण का प्रस्ताव
इजरायल की आलोचना के बावजूद, बोहलर ने कहा कि हमास ने युद्धविराम और खुद को निरस्त्र करने का प्रस्ताव दिया था। इस वार्ता ने अमेरिका की दशकों पुरानी नीति को तोड़ा, जिसमें वह आतंकवादी संगठनों से बातचीत नहीं करता था। हालांकि, बोहलर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को इन वार्ताओं के बारे में पहले से जानकारी थी। इजरायल के अधिकारी रोन डेरमर ने इस वार्ता पर कड़ी आपत्ति जताई, जबकि बोहलर ने इसे हल्के तरीके से लिया। अब सभी की निगाहें कतर में होने वाली वार्ता पर टिकी हैं, जहां इजरायल अपने बंधकों की रिहाई और युद्धविराम पर चर्चा करेगा।