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गुजरात में छात्रा की हत्या: एक दिव्यांग सीरियल किलर की खौफनाक कहानी

गुजरात में एक 19 वर्षीय छात्रा की हत्या के मामले में एक दिव्यांग सीरियल किलर की कहानी सामने आई है। 14 नवंबर को ट्यूशन से लौटते समय उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने जांच के दौरान कई सुराग जुटाए और अंततः एक संदिग्ध को पकड़ लिया, जो पहले भी कई हत्याएं कर चुका था। यह मामला न केवल एक हत्या का है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। जानिए इस खौफनाक घटना के बारे में और कैसे पुलिस ने कातिल को पकड़ा।
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एक छात्रा की दर्दनाक कहानी

गुजरात में छात्रा की हत्या: एक दिव्यांग सीरियल किलर की खौफनाक कहानी
14 नवंबर की शाम, एक 19 वर्षीय छात्रा ट्यूशन से लौट रही थी। उसे अपने घर जाने के लिए रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता था, जो उदवाड़ा रेलवे स्टेशन के पास स्थित था।

वह अक्सर इसी रास्ते से घर आती-जाती थी। लेकिन उस दिन, जब वह समय पर घर नहीं पहुंची, तो परिवार ने चिंता जताई। घरवालों ने उसकी खोज शुरू की और उसी रास्ते पर निकल पड़े, जिस पर वह आमतौर पर जाती थी।

जब वे उदवाड़ा रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे, तो उन्हें एक सुनसान जगह पर उनकी बेटी की लाश मिली। उसके कपड़े फटे हुए थे, जिससे यह स्पष्ट था कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। परिवार के लोग चीखने लगे और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। रेलवे पुलिस भी मौके पर पहुंची।

पुलिस ने जांच शुरू की और लड़की का बैग, जिसमें किताबें और अन्य सामान थे, बरामद किया। बैग में एक सफेद स्वेटशर्ट और एक बैकपैक भी मिला, जो लड़की का नहीं था। पुलिस ने बैग की जांच की और पाया कि उसमें कुछ कपड़े और एक मोबाइल चार्जर था।

इससे यह स्पष्ट हुआ कि कातिल शहर का नहीं था। पुलिस ने उदवाड़ा रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज की जांच करने का प्रयास किया, लेकिन वहां कोई कैमरा नहीं था। इसके बाद, पुलिस ने आसपास के स्टेशनों के फुटेज चेक करने का निर्णय लिया।

एक स्टेशन के फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया, जिसने वही स्वेटशर्ट और बैकपैक पहना हुआ था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई। अंततः, उसे वापी स्टेशन पर देखा गया, जहां से वह मुंबई की ओर जा रहा था।

गुजरात पुलिस ने उसकी पहचान की और पता चला कि वह एक दिव्यांग सीरियल किलर है, जिसने पहले भी कई हत्याएं की थीं। उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने उसकी कहानी सुनी और यह जानकर हैरान रह गई कि उसने केवल एक महीने में पांच हत्याएं की थीं।

उसकी कहानी ने पुलिस को चौंका दिया। उसने बताया कि कैसे उसने अपनी विकलांगता के कारण समाज में अपमान का सामना किया और इसी गुस्से में उसने अपराध करना शुरू किया।

यह मामला न केवल एक हत्या का है, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक मुद्दे को भी उजागर करता है कि महिलाएं अब भी असुरक्षित हैं, चाहे वह चलती ट्रेन में हों या रेलवे ट्रैक पर।