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गुलमर्ग फैशन शो पर बवाल: रमजान में सेमी-न्यूड रैंप वॉक ने बढ़ाई विवाद की लहर

जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में रमजान के महीने में आयोजित एक फैशन शो ने विवाद खड़ा कर दिया है। मॉडल्स के सेमी-न्यूड कपड़ों में रैंप वॉक करने से स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुईं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। हुर्रियत नेता और धार्मिक संगठनों ने भी इस आयोजन की कड़ी आलोचना की है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या भविष्य में ऐसे आयोजनों पर पाबंदी लगेगी।
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जम्मू-कश्मीर में फैशन शो का विवाद

Jammu and Kashmir: रमजान के पवित्र महीने में जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आयोजित एक फैशन शो ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस शो में मॉडल्स को बर्फीली वादियों में सेमी-न्यूड कपड़ों में रैंप वॉक करते हुए देखा गया, जिससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुईं। जैसे ही इस शो की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर फैलने लगे, लोगों ने इसे इस्लामी परंपराओं का अपमान मानते हुए विरोध जताया। इस हंगामे को देखते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है और कार्रवाई के संकेत दिए हैं।


फैशन शो का उद्देश्य और लोगों की प्रतिक्रिया

यह फैशन शो 7 मार्च को गुलमर्ग में आयोजित किया गया था, जिसमें एक प्रसिद्ध डिजाइनर लेबल द्वारा स्की वियर कलेक्शन पेश किया गया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना था, लेकिन जैसे ही तस्वीरें वायरल हुईं, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस आयोजन की कड़ी आलोचना की, यह कहते हुए कि रमजान जैसे पवित्र महीने में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करना असंवेदनशील है। कश्मीर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को ठेस पहुंचाने के आरोप भी लगाए गए।


मुख्यमंत्री का सख्त रुख

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस विवाद पर अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि जो तस्वीरें उन्होंने देखी हैं, उनमें स्थानीय धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा, "यह सदमा और गुस्सा समझा जा सकता है। मेरी टीम ने अधिकारियों से संपर्क किया है और मैंने अगले 24 घंटों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इसके आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"


धार्मिक संगठनों और हुर्रियत नेताओं की प्रतिक्रिया

इस मामले पर हुर्रियत नेता मिरवाइज उमर फारूक ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, "यह बेहद आक्रोशजनक है! रमजान के पवित्र महीने में इस तरह का फैशन शो आयोजित करना कश्मीर की सूफी और धार्मिक संस्कृति का अपमान है। इसमें शामिल लोगों को तुरंत जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।"



पर्यटन प्रचार के नाम पर अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा, सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट ने भी इस आयोजन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पर्यटन विभाग और गुलमर्ग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से जवाब मांगा है कि आखिर इस तरह का कार्यक्रम कैसे आयोजित होने दिया गया?


आगे की संभावनाएं

जैसे-जैसे यह विवाद बढ़ता जा रहा है, सरकार पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस आयोजन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और क्या भविष्य में इस तरह के आयोजनों पर कोई पाबंदी लगाई जाएगी या नहीं?