तमिलनाडु में दरगाह का विवाद: 200 परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस
तमिलनाडु के वेल्लोर में जमीन विवाद
TamilNadu: वेल्लोर जिले के एक गांव में एक स्थानीय दरगाह ने लगभग 200 परिवारों को अपनी भूमि छोड़ने या मासिक किराया चुकाने का नोटिस जारी किया है। दरगाह का दावा है कि जिस भूमि पर ग्रामीण निवास कर रहे हैं, वह वक्फ संपत्ति है और अब उनका उस पर अधिकार नहीं है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक स्थानीय व्यक्ति, सैयद साथम ने ग्रामीणों को नोटिस भेजकर कहा कि वे या तो मासिक किराया दें या भूमि छोड़ दें।
ग्रामीणों का विरोध: 'हमने सभी कर चुकाए हैं'
ग्रामीणों का कहना है कि वे इस भूमि पर पिछले चार पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं और यह भूमि पंजीकृत है। उन्होंने जल कर भी चुकाए हैं। एक ग्रामीण ने कहा, "हमें यह नोटिस मिला है, जिसमें कहा गया है कि यह भूमि वक्फ संपत्ति है। 200 परिवारों को ऐसा ही नोटिस मिला है, जबकि हम यहां वर्षों से रह रहे हैं।" याचिकाकर्ताओं ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि उन ग्रामीणों को पट्टा दिया जाए, जिन्होंने यहां वर्षों से निवास किया है।
राजनीतिक हलचल और प्रशासन से राहत की उम्मीद
इस मुद्दे पर हिंदू मुन्नानी नेता महेश ने वेल्लोर कलेक्ट्रेट में याचिका दायर की और प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि यह भूमि सरकारी संपत्ति है, न कि वक्फ संपत्ति। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पिछले चार दशकों से मासिक कर चुकाते हुए इन भूमि पर रहने का अधिकार है। वहीं, BJP विधायक वनथी श्रीनिवासन ने कहा कि यह मामला वक्फ अधिनियम के तहत हल किया जाएगा और सरकार ने वक्फ संपत्तियों के संबंध में कई सुधार किए हैं ताकि इस तरह के विवादों से बचा जा सके।
सैयद साथम का दावा और कलेक्टर का आश्वासन
जब इस मामले पर सैयद साथम से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो यह साबित करते हैं कि यह भूमि दरगाह की है। हालांकि, उन्होंने दस्तावेजों की प्रति देने से इनकार किया और कहा कि वह इसे केवल व्यक्तिगत रूप से साझा करेंगे।