दिल्ली में बारिश से मिली गर्मी से राहत, मानसून की जल्दबाजी

आज का मौसम अपडेट 11 मई 2025
आज का मौसम अपडेट 11 मई 2025: शनिवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। हालांकि, राजधानी में तेज बारिश कई बार समस्याएं भी उत्पन्न कर सकती है। पिछले कुछ दिनों से मौसम काफी सुहावना बना हुआ है और शनिवार को भी सुबह से बादल छाए रहे।
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और हल्की बारिश भी हो सकती है। इस दौरान हवा की गति 10 से 20 किमी प्रति घंटे रह सकती है, जो कभी-कभी 30 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। आज राजधानी में मौसम थोड़ा राहत भरा रहने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में गर्मी का प्रकोप
यूपी-बिहार में गर्मी का कहर जारी:
वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार में गर्मी का प्रकोप लोगों को परेशान कर रहा है। पिछले 24 घंटों में तापमान में वृद्धि देखी गई है। वातावरण में नमी का स्तर 55 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि सामान्यतः यह 40 प्रतिशत के आसपास होता है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अगले पांच दिनों तक आसमान में हल्के से मध्यम बादल बने रहेंगे। शनिवार को गरज-चमक, तेज हवा और धूल भरी आंधी के साथ कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है।
27 मई को केरल में मानसून की संभावना
27 मई को केरल पहुंचेगा मानसून:
मौसम विभाग ने इस बार मानसून के आगमन को लेकर राहत भरी खबर दी है। विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल के तट पर पहुंच सकता है। यह सामान्य तिथि (1 जून) से चार दिन पहले और पिछले वर्ष की तुलना में तीन दिन पहले है। यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह 2009 के बाद सबसे जल्दी मानसून का आगमन होगा। 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।
इस बार 105% बारिश का अनुमान
इस बार 105% बारिश का अनुमान:
मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि जून से सितंबर के बीच इस बार सामान्य से अधिक यानी 105 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। 13 मई को मानसून दक्षिण अंडमान सागर में प्रवेश कर सकता है और अनुकूल परिस्थितियों में यह चार से पांच दिनों के भीतर अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीपों तक फैल सकता है।
अन्य क्षेत्रों में समय पर पहुंचने की कोई गारंटी नहीं
देश के अन्य हिस्सों में समय पर पहुंचने की गारंटी नहीं:
हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि केरल में मानसून का जल्दी आना यह नहीं दर्शाता कि देश के अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति होगी। हवाओं की दिशा और अन्य मौसमी स्थितियां मानसून के मार्ग को प्रभावित कर सकती हैं। पिछले वर्ष भी मानसून समय पर केरल पहुंचा था, लेकिन आगे बढ़ने में उसे समय लगा था।