पाकिस्तान की फतह-2 मिसाइल को भारत ने किया नष्ट, सुरक्षा में बराक-8 की भूमिका
हाल ही में पाकिस्तान की फतह-2 मिसाइल को भारत ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। यह घटना पाकिस्तान की एक बड़ी विफलता के रूप में देखी जा रही है। भारत के बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इस हमले को विफल किया, जो कि भारत और इजराइल के सहयोग से विकसित किया गया है। जानें इस मिसाइल की विशेषताएँ और भारत की सुरक्षा रणनीति के बारे में, जिसने इस हमले को नाकाम किया।
May 11, 2025, 12:13 IST
| 
पाकिस्तान की मिसाइल नाकामी
हाल ही में एक गिरी हुई मिसाइल की तस्वीर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। यह पाकिस्तान की एक बड़ी विफलता है, जिसे फतह-2 के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान ने इस मिसाइल को भारत पर हमले के इरादे से दागा था, लेकिन भारत ने इसे सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। पाकिस्तान को अपने सतह से सतह पर मार करने वाली फतह सीरिज की मिसाइलों पर बहुत गर्व है, लेकिन जब उसने इसे दागा, तो यह जमीन पर गिरकर धूल फांकती हुई पाई गई। लोगों ने बताया कि कैसे इस मिसाइल को मारकर गिराया गया और अब पूरी दुनिया देख रही है कि पाकिस्तानी मिसाइल को भारत ने कैसे नष्ट किया। इस्लामाबाद ने फतह-2 बैलिस्टिक मिसाइल को दागा, जिसे भारत के बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने हरियाणा के सिरसा में रोक दिया।
बराक-8 मिसाइल की विशेषताएँ
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल
बराक-8, जो भारत और इजराइल के सहयोग से विकसित की गई है, एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे डीआरडीओ और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने मिलकर तैयार किया है। डीआरडीओ के अनुसार, इसमें 70% तकनीक भारत की है। यह मिसाइल मध्यम दूरी के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, एंटी शिप मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 70 से 100 किमी तक है और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसमें उन्नत खोज की सुविधा और लंबी दूरी तक जाने की क्षमता है। यह खतरे का पता लगाने वाली रडार प्रणाली से लैस है और जहाज पर एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के रूप में इस्तेमाल होती है। इसकी मिसाइलें 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती हैं और 500 मीटर की दूरी पर भी दुश्मन की मिसाइल को नष्ट कर सकती हैं। इसका नया वर्जन बराक एमएक्स कई इंटरसेप्टर्स को एक साथ लॉन्च करने की क्षमता रखता है।
जमीन और समुद्र दोनों से उपयोग
जमीन-समुद्र दोनों से इस्तेमाल
यह 4.5 मीटर लंबी मिसाइल लगभग तीन टन वजन की है और 70 किलोग्राम तक का भार ले जा सकती है। इसकी गति 2400 किमी प्रति घंटा तक होती है और इसे जमीन और समुद्र दोनों जगह से उपयोग किया जा सकता है। इसकी प्रारंभिक लागत 2500 करोड़ रुपए थी, जबकि वायुसेना के लिए 10 हजार करोड़ की डील साइन की गई थी।
भारत की सुरक्षा रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने बराक 8 मिसाइलों को क्यों तैनाती के लिए चुना
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिया, जिसमें कश्मीर में 26 लोगों की जान गई थी। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। 7 मई को हुए इन हमलों के बाद से इस्लामाबाद ने भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर कई हमले करने की कोशिश की है। जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के खिलाफ एक ढाल का काम कर रही है। बराक-8 मिसाइलों के अलावा, भारत ने बुधवार रात 15 भारतीय शहरों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिश को नाकाम करने के लिए एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम, आकाश और स्वनिर्मित ड्रोन रोधी उपकरण तैनात किए। एकीकृत काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (यूएएस) ग्रिड, एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम, बराक-8 मिसाइल, आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और डीआरडीओ की ड्रोन रोधी तकनीकें एक साथ मिलकर एक हवाई ढाल बनाने के लिए सक्रिय की गई हैं। बराक-8 मिसाइलों ने आज तड़के हरियाणा में पाकिस्तान की फतह-2 मिसाइल को नष्ट करके भारत की राजधानी की सुरक्षा भी सुनिश्चित की।