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पाकिस्तान ने फतह-II बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, भारत की वायु रक्षा ने किया नाकाम

पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी नई बैलिस्टिक मिसाइल फतह-II का परीक्षण किया, जिसका लक्ष्य भारत की राजधानी नई दिल्ली था। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इसे सिरसा में ही नाकाम कर दिया। जानें बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रकार और फतह-II की विशेषताएँ, जो इसे एक प्रभावी हथियार बनाती हैं। इस लेख में हम इस घटना के पीछे की तकनीकी जानकारी और रणनीतिक महत्व पर चर्चा करेंगे।
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पाकिस्तान ने फतह-II बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, भारत की वायु रक्षा ने किया नाकाम

पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण

भारत द्वारा 9-10 मई की रात रावलपिंडी के नूर खान बेस, चकवाल के मुरीद बेस और पंजाब के झंग जिले में रफीकी एयरबेस पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने अपनी नई बैलिस्टिक मिसाइल फतह-II को लॉन्च किया। यह मिसाइल फतह-I का उन्नत संस्करण है, जो रेंज और सटीकता में पहले से बेहतर है। पाकिस्तान का दावा है कि इस मिसाइल का लक्ष्य भारत की राजधानी नई दिल्ली था, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इसे सिरसा में ही नाकाम कर दिया।


बैलिस्टिक मिसाइल क्या होती है?

बैलिस्टिक मिसाइल एक ऐसा हथियार है जो प्रक्षेप्य गति से अपने लक्ष्य तक पहुँचता है। इसका अर्थ है कि ये मिसाइलें उड़ान के दौरान गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में होती हैं और केवल प्रारंभिक क्षणों में ही इन्हें थ्रस्ट दिया जाता है। उड़ान के बाकी हिस्से में ये बिना किसी मोटर के अपने निर्धारित पथ पर आगे बढ़ती हैं।


बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रकार

  • सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल (TBM) - रेंज 300 किमी तक
  • छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) - 300–1,000 किमी
  • मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) - 1,000–3,500 किमी
  • अंतरमध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) - 3,500–5,500 किमी
  • अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) - 5,500 किमी से अधिक


फतह-II: पाकिस्तान की नई मिसाइल प्रणाली

फतह-II एक अत्याधुनिक SRBM है, जिसकी रेंज लगभग 250 से 400 किलोमीटर तक मानी जाती है। इसे 2021 में परीक्षण किया गया था और अब यह पाकिस्तान सेना द्वारा ऑपरेशनल रूप से उपयोग की जा रही है। इसमें टर्मिनल गाइडेंस सिस्टम और इनर्शियल नेविगेशन जैसी तकनीकें शामिल हैं, जिससे यह उड़ान के दौरान अपने मार्ग में बदलाव कर सकती है।


फतह-II का उद्देश्य दुश्मन के सैन्य ठिकानों और रणनीतिक प्रतिष्ठानों को तेजी और सटीकता से नष्ट करना है। हालांकि, इस बार भारत की रडार प्रणाली ने इसे समय पर पहचान लिया और सिरसा में ही इंटरसेप्ट कर दिया, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।