प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस दौरा: क्या है इस यात्रा का महत्व?
प्रधानमंत्री मोदी का मॉरीशस दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मॉरीशस के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। जैसे ही उन्होंने एयरपोर्ट पर लैंड किया, वहां के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम और 200 अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी का स्वागत पारंपरिक बिहारी शैली में किया गया, जहां पोर्ट लुइस पहुंचने पर गीत गावई गायकों ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी द्वीप राष्ट्र के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे और कई महत्वपूर्ण बैठकों में शामिल होंगे।
गीत गवई की सांस्कृतिक धरोहर
गीत गवई के बारे में
गीत गावई एक पारंपरिक भोजपुरी संगीत समूह है, जो 1834 में शुरू हुए गिरमिटिया मजदूर आंदोलन के बाद भारत के भोजपुरी क्षेत्र, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड से महिलाओं द्वारा मॉरीशस में लाई गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
स्वागत समारोह
इन लोगों ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री रामगुलाम ने पीएम मोदी का माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मॉरीशस के डिप्टी पीएम, चीफ जस्टिस, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री, कैबिनेट सचिव, ग्रैंड पोर्ट डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए कुल 200 गणमान्य लोग मौजूद थे, जिनमें सांसद, विधायक, राजनयिक दल और धार्मिक नेता शामिल थे।
उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाएँ
20 से अधिक परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान भारत द्वारा वित्त पोषित 20 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, वे अपने मॉरीशस समकक्ष नवीन रामगुलाम के साथ मिलकर नवनिर्मित सिविल सेवा कॉलेज भवन का भी उद्घाटन करेंगे।
यात्रा का महत्व
मॉरीशस रवाना होने से पहले, पीएम मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक "नया और उज्ज्वल" अध्याय खोलेगी। उन्होंने पिछली बार 2015 में मॉरीशस का दौरा किया था। पीएम मोदी ने कहा कि "मॉरीशस एक करीबी समुद्री पड़ोसी, हिंद महासागर में एक प्रमुख साझेदार और अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है।" उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के बीच घनिष्ठ एवं ऐतिहासिक जन-सम्पर्क साझा गौरव का स्रोत है। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। मॉरीशस एक पूर्व ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेश था, जिसे 1968 में स्वतंत्रता मिली थी।