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प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा: भारत और मॉरीशस के रिश्तों में नई मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा शुरू की है, जहां वे 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। इस यात्रा के दौरान, भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा, वित्तीय अपराध, और व्यापार से संबंधित महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। जानें इस यात्रा के एजेंडे में क्या-क्या शामिल है और कैसे यह दोनों देशों के रिश्तों को नई मजबूती प्रदान करेगी।
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प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा शुरू की है। इस यात्रा के दौरान, वे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। भारत और मॉरीशस के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, और इस यात्रा में दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, वित्तीय अपराध और व्यापार से संबंधित महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।


भारत-मॉरीशस: घनिष्ठ रिश्तों की नई ऊंचाइयां

मॉरीशस हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। यहां की 12 लाख की जनसंख्या में लगभग 70% लोग भारतीय मूल के हैं, जो दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का मुख्य कारण है। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।


क्या-क्या है एजेंडे में?

  • समुद्री सुरक्षा: भारत और मॉरीशस के अधिकारी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सूचना साझाकरण से संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
  • आर्थिक सहयोग: व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  • वित्तीय अपराध पर शिकंजा: भारत का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और मॉरीशस का वित्तीय अपराध आयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए सहयोग पर सहमति जताएंगे।
  • नई परियोजनाओं का उद्घाटन: पीएम मोदी मॉरीशस में भारतीय सहायता से बने सिविल सेवा कॉलेज और एक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे।
  • भारतीय समुदाय से मुलाकात: पीएम मोदी मॉरीशस में भारतीय समुदाय के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं और जरूरतों पर चर्चा करेंगे।


समुद्री सहयोग और रक्षा समझौते

भारत ने मॉरीशस के समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सहायता की है, जिसमें अगालेगा द्वीप पर एक रणनीतिक हवाई पट्टी और जेटी का विस्तार शामिल है। इससे मॉरीशस को अपने विशाल अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की निगरानी में मदद मिलेगी।


भारत और चीन के बीच संतुलन

चीन लगातार हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मॉरीशस ने हमेशा भारत को अपना प्रमुख साझेदार माना है। मॉरीशस ने चीन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बावजूद, भारत के साथ अपने व्यापार और आर्थिक सहयोग को प्राथमिकता दी है।


व्यापार और आर्थिक साझेदारी

भारत और मॉरीशस के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है। 2022-23 में दोनों देशों के बीच व्यापार 554 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो 2005-06 की तुलना में 132% अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों को एक नई दिशा देने का काम करेगी। समुद्री सुरक्षा, व्यापार, वित्तीय अपराध से निपटने और सामरिक सहयोग को लेकर किए गए समझौतों से दोनों देशों को लाभ होगा। इस यात्रा से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका और अधिक मजबूत होगी।