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बलूचिस्तान में विद्रोही हिंसा: पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर हमले और कब्जे की घटनाएं

बलूचिस्तान में विद्रोही गतिविधियों ने एक बार फिर से गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। स्वतंत्र बलूच राष्ट्र की मांग कर रहे समूहों ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर समन्वित हमले किए हैं, जिससे कई प्रमुख शहर प्रभावित हुए हैं। हमलों में सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान और पुलिस थानों पर कब्जा शामिल है। इस स्थिति ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें इस हिंसा के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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बलूचिस्तान में विद्रोही हिंसा: पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर हमले और कब्जे की घटनाएं

बलूचिस्तान में विद्रोहियों का हमला

बलूचिस्तान एक बार फिर से विद्रोही गतिविधियों का केंद्र बन गया है। स्वतंत्र बलूच राष्ट्र की मांग कर रहे विभिन्न विद्रोही समूहों ने पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा बलों पर समन्वित हमले किए हैं। ये हमले चार प्रमुख शहरों - तुरबत, केच, क्वेटा और पंजगुर - में हुए, जहां सुरक्षाबल कमजोर स्थिति में दिखाई दिए और कई सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा।


तुरबत और केच में बम धमाके और गोलीबारी

तुरबत और केच में बम धमाके और गोलीबारी


तुरबत के डी बलोच क्षेत्र में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला किया गया, जिसकी विस्तृत जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है। वहीं, केच जिले के बुलेदा इलाके में भीषण विस्फोटों और भारी गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं। स्थानीय संचार व्यवस्था बाधित होने के कारण सही जानकारी मिलना कठिन हो रहा है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टें विद्रोहियों के आक्रामक रुख को दर्शाती हैं।


क्वेटा और पंजगुर में सेना की चौकियों पर हमले

क्वेटा और पंजगुर में सेना की चौकियों पर हमले


बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के फैजाबाद और हजारगंजी क्षेत्रों में सेना की चौकियों पर दो ग्रेनेड हमले हुए। पंजगुर के वाशबोद इलाके में CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) हाईवे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। वहां विद्रोहियों ने वाहनों की तलाशी ली और यात्रियों की पहचान की जांच की। यह पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।


पुलिस थानों और चेकपोस्ट पर नियंत्रण

पुलिस थानों और चेकपोस्ट पर नियंत्रण


हमलावरों ने दो पुलिस वाहनों को जब्त कर उनके हथियारों पर कब्जा कर लिया। एक पुलिस थाने पर भी कब्जा कर उसे जला दिया गया। बोनिस्तान क्षेत्र की एक चेकपोस्ट भी विद्रोहियों के नियंत्रण में आ गई। सरकारी संरक्षण प्राप्त 'डेथ स्क्वाड' नामक मिलिशिया के कुछ सदस्यों के घायल होने की भी सूचना है, जिनका नेतृत्व कमांडर कासिम कर रहे थे।


हौशाब में बड़े स्तर पर कब्जा

हौशाब में बड़े स्तर पर कब्जा


हालिया हिंसा का सबसे बड़ा उदाहरण हौशाब जिले में देखा गया, जहां विद्रोहियों ने एक बड़ी सैन्य कार्रवाई के दौरान इलाके पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। उन्होंने NADRA (नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) के कार्यालय और लेविज स्टेशन को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा M8 हाईवे पर की गई नाकेबंदी के दौरान 10 गैर-स्थानीय नागरिकों को बंधक बना लिया गया।