बिहार पुलिस का बड़ा ऑपरेशन: 42 लड़कियों और 3 लड़कों को मानव तस्करी से मुक्त कराया
बिहार पुलिस की बड़ी सफलता
बिहार पुलिस ने मानव तस्करी के एक खतरनाक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इस अभियान में 42 लड़कियों और 3 लड़कों को मुक्त कराया गया। यह कार्रवाई रोहतास जिले में की गई, जहां बच्चों को जबरन ऑर्केस्ट्रा पार्टियों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन नटराज' रखा गया, जिसके तहत पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की और 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
बच्चों के सपनों का अंधेरा
इस ऑपरेशन की शुरुआत एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हुई। NGO ने अपर पुलिस महानिदेशक (CID) अनिल कुमार जैन को बताया कि राज्य के बाहर से आए नाबालिग बच्चों को शादी और सार्वजनिक आयोजनों में ऑर्केस्ट्रा पार्टियों में नाचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक रोशन कुमार ने कहा कि इन बच्चों को भयावह परिस्थितियों में रखा गया था। उन्हें अश्लील गानों पर नचाया जाता था और छोटे कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया जाता था। यह स्थिति बेहद दर्दनाक थी, बच्चों की आंखों में आंसू और चेहरों पर खौफ साफ नजर आ रहा था।
साहसिक बचाव अभियान
बिहार पुलिस की विभिन्न टीमों ने 19 वाहनों के साथ एक साथ कई स्थानों पर छापेमारी की। यह अभियान लगभग 6 घंटे तक चला, जिसमें 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस तस्करी नेटवर्क के पीछे कौन-कौन से प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं। सभी बचाए गए बच्चे गरीब परिवारों से हैं, जिन्हें नौकरी और शादी के झूठे वादों से फंसाया गया था। अब पुलिस और प्रशासन इन बच्चों के पुनर्वास की प्रक्रिया में जुट गए हैं ताकि उनके टूटे हुए सपनों को फिर से संजोया जा सके।
गंभीर जांच की आवश्यकता
एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (AVA) के वरिष्ठ निदेशक मनीष शर्मा ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तस्करी नेटवर्क के पीछे कुछ प्रभावशाली लोग हो सकते हैं। हमें इस गिरोह की जड़ तक पहुंचकर इसे पूरी तरह खत्म करना होगा।