बेंगलुरु में सोने की तस्करी: डीजीपी रामचंद्र राव पर जांच का आदेश
बेंगलुरु में सोने की तस्करी का नया मोड़
बेंगलुरु में सोने की तस्करी के मामले में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। कर्नाटक सरकार ने डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय लिया है। इस जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता को सौंपी गई है, जैसा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीडिया को बताया। गौरव गुप्ता की नियुक्ति का आदेश सोमवार रात जारी किया गया था।
रामचंद्र राव की भूमिका और तस्करी का मामला
रामचंद्र राव वर्तमान में कर्नाटक स्टेट पुलिस हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक हैं। यह कार्रवाई तब हुई जब बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अभिनेत्री रान्या राव से 12.56 करोड़ रुपये के सोने के बिस्किट बरामद किए गए। इसके बाद, अधिकारियों ने उनके निवास पर छापेमारी की, जिसमें 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की भारतीय मुद्रा भी जब्त की गई।
न्यायिक हिरासत में रान्या राव
न्यायिक हिरासत में एक्ट्रेस रान्या राव
10 मार्च को, बेंगलुरु की आर्थिक अपराध अदालत ने रान्या राव को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्हें विशेष आर्थिक अपराध अदालत के जज विश्वनाथ सी. गौदार के समक्ष पेश किया गया। डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) की तीन दिन की हिरासत के बाद रान्या को अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान, रान्या ने आरोप लगाया कि डीआरआई अधिकारियों ने उनसे पूछताछ के दौरान मौखिक रूप से परेशान किया। इस पर डीआरआई अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान केवल आवश्यक और प्रासंगिक सवाल ही किए गए और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है.
रान्या राव की गिरफ्तारी की कहानी
कैसे हुई रान्या राव की गिरफ्तारी?
3 मार्च को, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डीआरआई अधिकारियों ने रान्या राव को गिरफ्तार किया। उन पर दुबई से 14.8 किलोग्राम सोना तस्करी करने का आरोप है। डीआरआई को पहले ही रान्या की तस्करी में संलिप्तता की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम को हवाई अड्डे पर तैनात किया गया और उनके उतरते ही हिरासत में ले लिया गया.
रान्या राव और रामचंद्र राव का संबंध
रान्या राव और डीजीपी रामचंद्र राव के बीच क्या संबंध?
रान्या राव, डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं। इस मामले के चलते उनकी भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। 4 मार्च को रान्या को आर्थिक अपराधों के विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें 18 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अब इस मामले में डीजीपी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के आदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं.