भारत की मेज़बानी में वैश्विक खुफिया सम्मेलन: क्या है इसकी अहमियत?
भारत में महत्वपूर्ण खुफिया सम्मेलन का आयोजन
रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक खुफिया सम्मेलन की मेज़बानी करने जा रहा है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल करेंगे। इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड, कनाडा के जासूसी प्रमुख डैनियल रोजर्स और यूके के MI6 प्रमुख रिचर्ड मूर शामिल होंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब चीन, रूस और ईरान संयुक्त नौसैनिक अभ्यास कर रहे हैं। इसी बीच, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में विद्रोहियों ने बोलन क्षेत्र में एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया है.
बैठक में शामिल होने वाले अन्य देश
बैठक में शामिल होने वाले अन्य देश
यह बैठक 16 मार्च को आयोजित की जाएगी, जिसमें आतंकवाद और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, न्यूजीलैंड और कई अन्य सहयोगी देशों के खुफिया प्रमुखों के भी नई दिल्ली में भाग लेने की उम्मीद है.
तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा
इस बीच, तुलसी गबार्ड भारत आ रही हैं। इसके बाद वे जापान, थाईलैंड और फ्रांस भी जाएंगी। यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी की पहली भारत यात्रा होगी। खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने के अलावा, गबार्ड के रायसीना डायलॉग को संबोधित करने और एनएसए डोभाल के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी उम्मीद है.
आतंकवाद की फंडिंग पर चर्चा
आतंकवाद की फंडिंग रोकने पर चर्चा
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड 15 मार्च को भारत की यात्रा पर आएंगी। पिछले महीने गबार्ड ने वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। सुरक्षा और खुफिया प्रमुखों की समिट में करीब 20 देशों के खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और उप प्रमुखों के आने की उम्मीद है.
अपनी चर्चाओं के दौरान, खुफिया प्रमुखों से रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में संघर्षों के इम्पलिकेशन सहित विभिन्न वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा हो सकती है। अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा और खुफिया नेता आतंकवाद की फंडिंग रोकने के साथ-साथ डिजिटल स्पेस में अपराधों से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा कर सकते हैं.
कनाडा का बड़ा कदम
ट्रूडो के जाने के बाद कनाडा का बड़ा कदम
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के प्रमुख डेविड विग्नॉल्ट की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और कनाडा हरदीप सिंह निज्जर मामले को लेकर मुश्किल कूटनीतिक संबंधों का सामना कर रहे हैं। यह यात्रा जस्टिन ट्रूडो के जाने के बाद हो रही है.
ट्रूडो के आरोपों का प्रभाव
2023 में ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे आरोप
सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया, जिससे भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खाई बढ़ गई। नई दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। पिछले साल की दूसरी छमाही में संबंध और बिगड़ गए जब ओटावा ने उच्चायुक्त संजय वर्मा और कई भारतीय राजनयिकों को निज्जर की हत्या से जोड़ा.
पिछले साल अक्टूबर में कनाडा ने वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। जवाब में, नई दिल्ली ने भी कनाडा के प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। उम्मीद है कि विग्नॉल्ट की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ चर्चा के दौरान यह मुद्दा चर्चा का मुख्य बिंदु होगा.