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भारत-चीन वार्ता: पहलगाम हमले पर अजीत डोभाल और वांग यी की चर्चा

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच पहलगाम हमले पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस वार्ता में डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि वांग ने युद्ध को विकल्प न मानने की बात कही। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की दिशा में कदम उठाने की अपील की। जानें इस वार्ता में और क्या चर्चा हुई और चीन ने किस प्रकार का समर्थन दिया।
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भारत-चीन वार्ता: पहलगाम हमले पर अजीत डोभाल और वांग यी की चर्चा

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बातचीत

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री वांग यी के साथ फोन पर बातचीत की। इस संवाद में पहलगाम हमले पर चर्चा हुई, जिसमें चीन ने भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की आवश्यकता को स्वीकार किया। वांग यी ने यह भी कहा कि युद्ध किसी भी पक्ष के लिए विकल्प नहीं है।


डोभाल की चिंताएँ और शांति की आवश्यकता

डोभाल ने चीन के साथ वार्ता के दौरान पहलगाम हमले में भारतीय कर्मियों के गंभीर रूप से हताहत होने की जानकारी साझा की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि युद्ध भारत की प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल हो सके।


वांग यी की शांति की अपील

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय स्थिति बेहद अशांत है और विभिन्न देशों के बीच जटिल रिश्तों के कारण स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है। वांग ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों देश पड़ोसी हैं और उन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।


चीन का समर्थन और संवाद की आवश्यकता

चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक व्यापक और स्थायी संघर्ष विराम की दिशा में बढ़ने का समर्थन किया। वांग ने कहा कि यह कदम न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने जोर दिया कि युद्ध और संघर्ष से बचना दोनों देशों के मौलिक हित में है और शांति की दिशा में काम करना आवश्यक है।