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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: नूर खान एयरबेस पर हमला

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने नूर खान एयरबेस पर हमले के साथ जवाबी कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान में दहशत फैल गई। अमेरिका ने भी इस स्थिति पर प्रतिक्रिया दी है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: नूर खान एयरबेस पर हमला

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति

भारत-पाकिस्तान तनाव: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि वे लगभग युद्ध की स्थिति में पहुँच गए थे। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस और कई सैन्य ठिकानों पर गंभीर हमले किए।


नूर खान एयरबेस पर हमला

इन हमलों में सबसे चौंकाने वाला हमला इस्लामाबाद के पास स्थित नूर खान एयरबेस पर था। भारतीय मिसाइलों ने इस बेस को बुरी तरह से नष्ट कर दिया। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके वायुसेना के लॉजिस्टिक्स और ईंधन आपूर्ति का केंद्र है।


अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिका की बेचैनी और ट्रंप प्रशासन का यू-टर्न: प्रारंभ में अमेरिका ने इस संघर्ष से खुद को अलग रखा था। उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था, "यह हमारी लड़ाई नहीं है।" लेकिन नूर खान एयरबेस पर हमले के बाद अमेरिका में हड़कंप मच गया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला इतना गंभीर था कि पाकिस्तान को लगा कि भारत उसके न्यूक्लियर कमांड सेंटर पर अगला हमला करने वाला है।


पाकिस्तान का परमाणु खतरा

परमाणु खतरे की दहशत में डूबा पाकिस्तान: नूर खान एयरबेस से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान का स्ट्रैटजिक प्लान्स डिविजन (SPD) स्थित है, जो देश के परमाणु हथियारों की निगरानी करता है। एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, "नूर खान पर हमला पाकिस्तान के परमाणु कमांड को 'डिकैपिटेट' करने की चेतावनी थी।" भारत का उद्देश्य पाकिस्तान की कमांड और कंट्रोल प्रणाली को नष्ट करना था, ताकि वह परमाणु प्रतिक्रिया न कर सके।


पाकिस्तान का पलटवार

400 पाकिस्तानी ड्रोन और मोदी को अमेरिका का कॉल: इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में लगभग 400 ड्रोन भेजकर पलटवार करने की कोशिश की, लेकिन नूर खान एयरबेस पर धमाकों के बाद वह बैकफुट पर आ गया। इसके बाद पाक सरकार ने तुरंत अमेरिका से संपर्क किया। CNN की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका को कुछ खुफिया अलर्ट मिले थे, जिसके बाद उप-राष्ट्रपति वेंस ने खुद पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया और सीजफायर की पहल की गई।