भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: पहलगाम आतंकी हमले के बाद की स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले ने हालात को और बिगाड़ दिया। इस हमले में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी संगठनों ने 26 भारतीय पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी। इसके जवाब में, भारत ने 7 मई, 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिन्हें 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया।
सीमा पर बढ़ता तनाव
सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी जारी है। इस बीच, सऊदी अरब दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के प्रयास में जुटा हुआ है। सऊदी अरब के उप विदेश मंत्री आदिल अल-जुबैर ने शुक्रवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ बैठक की। इस मुलाकात का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ती तनाव को कम करना और युद्ध की संभावना को टालना था।
सऊदी अरब की मध्यस्थता
इससे पहले, 8 मई को आदिल अल-जुबैर ने नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की थी। इन बैठकों में पहलगाम हमले, भारत की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। सऊदी अरब की यह पहल दर्शाती है कि वह दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर एक संतुलित और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना चाहता है।
पहलगाम हमला: तनाव की जड़
पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केवल एक क्रूर कृत्य नहीं था, बल्कि यह कश्मीर में पर्यटन और शांति को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा था। इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई, जिसमें पर्यटकों के साथ-साथ नौसेना और खुफिया विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। इस घटना के बाद, भारत ने पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।