भारत-पाकिस्तान तनाव: चीन की खुफिया गतिविधियाँ बढ़ी

भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर वैश्विक ध्यान
भारत-पाकिस्तान संघर्ष: दुनिया भर की नजरें भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों का माहौल गंभीर बना हुआ है, और सेना नागरिकों की सुरक्षा के लिए सतर्कता से काम कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस स्थिति का लाभ उठाकर महत्वपूर्ण सैन्य जानकारी इकट्ठा कर रहा है। वह इसे एक अवसर के रूप में देख रहा है।
चीन की निगरानी गतिविधियाँ
चीन इस दौरान भारतीय सेना की कार्यप्रणाली पर बारीकी से नजर रख रहा है। इसके साथ ही, वह यह भी देख रहा है कि पाकिस्तान को बेचे गए हथियार, जैसे -10C फाइटर जेट और PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल, वास्तविक युद्ध स्थिति में कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे चीन को अध्ययन करने का अवसर मिल रहा है, जिसके लिए उसे युद्ध में शामिल होने की आवश्यकता नहीं है।
भारत की खुफिया जानकारी पर नजर
भारत की खुफिया जानकारी इक्ट्ठा कर रहा चीन:
इस संदर्भ में रियल टाइम डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। इसमें यह देखा जा रहा है कि भारत हमलों का जवाब कैसे देता है, उसका रडार सिस्टम कैसे कार्य करता है, मिसाइलों को कैसे तैनात किया जाता है, और भारतीय वायु सेना अपने ऑपरेशनों को कैसे संचालित करती है। सामान्यतः, चीन को शांति के समय ऐसी जानकारी नहीं मिल पाती है।
चीन का सर्विलांस नेटवर्क
चीन का सर्विलांस नेटवर्क बहुत व्यापक है। इसके पास अंतरिक्ष में लगभग 267 सैटेलाइट हैं, जिनमें से 100 से अधिक का उपयोग जासूसी और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जाता है। इन सैटेलाइट्स का उपयोग अब भारत की रक्षा गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है।
अरब सागर में चीनी गतिविधियाँ
अरब सागर में देखी गई मछली पकड़ने वाली नावें और सर्विलांस शिप:
रिपोर्टों के अनुसार, चीन केवल आसमान से ही जानकारी इकट्ठा नहीं कर रहा है। अरब सागर में भारतीय नौसैनिक अभ्यास के निकट चीनी मछली पकड़ने वाली नावें और सर्विलांस शिप भी देखी गई हैं। 1 मई को, 200 से अधिक चीनी मछली पकड़ने वाली नावें भारतीय जलक्षेत्र के निकट देखी गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नावों का उपयोग भारतीय सैन्य संचार सुनने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जा रहा है।
चीन और पाकिस्तान के संबंध
चीन के पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध हैं, जिससे उसे हथियारों के प्रदर्शन के बारे में सीधा एक्सेस मिलता है। चीनी सलाहकार पाकिस्तान की सेना के साथ काम कर रहे हैं, जिससे चीन को और अधिक जानकारी प्राप्त हो रही है। यह सब चीन को अपने हथियारों को बेहतर बनाने, अपनी निर्यात योजनाओं को संशोधित करने और भविष्य के लिए बेहतर सैन्य रणनीतियाँ विकसित करने में मदद करता है।