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भारत-पाकिस्तान तनाव: नूर खान एयरबेस पर हमले ने बढ़ाई चिंता

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने वैश्विक शक्तियों को चिंतित कर दिया है। विशेष रूप से नूर खान एयरबेस पर हुए हमले ने पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक स्थिति को हिलाकर रख दिया। अमेरिका ने इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मध्यस्थता की, जबकि पाकिस्तान ने भारत की हवाई सुरक्षा की जांच के लिए ड्रोन भेजे। जानें इस जटिल स्थिति के सभी पहलुओं के बारे में।
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भारत-पाकिस्तान तनाव: नूर खान एयरबेस पर हमले ने बढ़ाई चिंता

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि वैश्विक शक्तियों की चिंता बढ़ गई। विशेष रूप से भारतीय ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद, दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावनाएं स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी थीं। अमेरिका, जो पहले इस संघर्ष से दूर रहने की कोशिश कर रहा था, अब युद्ध को रोकने के लिए मध्यस्थता करने पर मजबूर हो गया।


नूर खान एयरबेस पर हुआ हमला

भारत ने शुक्रवार और शनिवार की रात पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस और अन्य सैन्य ठिकानों पर शक्तिशाली हमले किए। इनमें से नूर खान एयरबेस पर किया गया हमला सबसे विनाशकारी था, जिसने पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक ढांचे को हिलाकर रख दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले ने पाकिस्तान को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि भारत उसके परमाणु कमान प्राधिकरण को निष्क्रिय करने की योजना बना रहा है।


न्यूक्लियर नेटवर्क के करीब था टारगेट

नूर खान एयरबेस रावलपिंडी में स्थित है, जो पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। इस एयरबेस के निकट ही स्ट्रैटजिक प्लान्स डिविजन का मुख्यालय है, जहां पाकिस्तान के 170 से अधिक परमाणु हथियारों की निगरानी की जाती है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इस हमले ने पाकिस्तान को यह चेतावनी दी कि भारत अगला हमला न्यूक्लियर कमांड सेंटर पर कर सकता है।


अमेरिका में हड़कंप

नूर खान एयरबेस पर विस्फोट के तुरंत बाद, पाकिस्तान ने अमेरिका को आपातकालीन कॉल किया। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका को कुछ खतरनाक जासूसी जानकारियां मिलीं, जिसके बाद उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रूबियो को सक्रिय होना पड़ा। जेडी वेंस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की, जिसके बाद भारत ने सीजफायर के लिए सहमति जताई।


ड्रोन हमलों से बढ़ी अशांति

इस बीच, पाकिस्तान ने भारत की हवाई सुरक्षा की जांच के लिए लगभग 400 ड्रोन भारतीय क्षेत्र में भेजे, जिससे तनाव और बढ़ गया। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि नूर खान एयरबेस पाकिस्तान की सैन्य लॉजिस्टिक्स और ईंधन भरने का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, और इसके नष्ट होने से पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।


'डिकैपिटेशन स्ट्राइक' का संकेत?

अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह हमला केवल एक सामरिक कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक 'डिकैपिटेशन स्ट्राइक' का संकेत था, जिसका अर्थ है दुश्मन की निर्णय लेने की क्षमता को प्रारंभिक हमले में ही समाप्त कर देना। एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत शायद पाकिस्तान को परमाणु हमले की स्थिति में पहुंचने से रोकना चाहता था या उसके प्रभाव को कम करना चाहता था।