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भारत-पाकिस्तान तनाव: युद्ध की आशंका और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव ने युद्ध की आशंका को जन्म दिया है। दोनों देशों की सेनाओं की संख्या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सबसे बड़े युद्ध की संभावना को दर्शाती है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति गंभीर है, और हाल ही में उसे IMF से 1 बिलियन डॉलर का लोन मिला है। भारत ने इस लोन के खिलाफ आवाज उठाई है, यह कहते हुए कि यह धन आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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भारत-पाकिस्तान तनाव: युद्ध की आशंका और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव और नियंत्रण रेखा पर संघर्ष ने दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच पूर्ण युद्ध की संभावना को जन्म दिया है। भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं में मिलाकर लगभग 2 मिलियन सशस्त्र बल हैं, जिससे यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा युद्ध हो सकता है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, जहां उसे बुनियादी जरूरतों के लिए भी पैसे की कमी है। फिर भी, यह देश उधारी पर निर्भर होकर अपने सैन्य खर्चों को बढ़ा रहा है।


हाल ही में, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1 बिलियन डॉलर का लोन मिलने की मंजूरी मिली है।


भारत का रुख

यूनाइटेड किंगडम में भारत के उच्चायुक्त ने बीबीसी रेडियो से बातचीत में कहा कि भारत ने पिछले 30 वर्षों में संयम बनाए रखा है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों का जिक्र कर रहा है, लेकिन भारत बड़े संघर्ष की इच्छा नहीं रखता। उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का अधिकांश धन सेना के लिए जाता है।


भारत का IMF के साथ विरोध

पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का लोन जारी करने के निर्णय के पहले, भारत ने IMF के उस प्रस्ताव का विरोध किया था जिसमें पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का नया कर्ज देने की बात थी। भारत का कहना है कि यह धन पाकिस्तान सरकार द्वारा सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत ने IMF की बैठक में भाग लिया, लेकिन वोटिंग में शामिल नहीं हुआ। भारत ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे देशों को बार-बार कर्ज दिया जाता है, तो यह वैश्विक मूल्यों का मजाक बनाता है।