भारत-पाकिस्तान संघर्ष: समझौते के बावजूद पाकिस्तान की गोलीबारी से शहीद हुआ BSF जवान

पाकिस्तान की गोलीबारी से फिर बढ़ा तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए हुए समझौते के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान ने अपनी अस्थिरता का एक और उदाहरण पेश किया। नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी और भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। इस हमले में जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान शहीद हो गया, जबकि सात अन्य घायल हुए हैं.
समझौते का उल्लंघन
राजनयिक समझौते की अनदेखी
इस हमले से पहले, भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने शनिवार शाम 5 बजे से सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति जताई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस निर्णय की जानकारी दी थी और इसे शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया था। लेकिन पाकिस्तान की सेना ने इस समझौते का उल्लंघन कर यह साबित कर दिया कि वहां का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व एकमत नहीं है.
पाकिस्तानी नेतृत्व में मतभेद
पाकिस्तानी नेतृत्व में मतभेद
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संघर्ष विराम समझौते को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता का परिणाम बताया, जबकि पाकिस्तानी सेना, जनरल मुनीर के नेतृत्व में, इस समझौते को मानने के बजाय तोड़ने का प्रयास कर रही है। उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी युद्धविराम की पुष्टि की, लेकिन जमीनी हालात इससे बिल्कुल भिन्न हैं.
सीजफायर का उल्लंघन
कई क्षेत्रों में सीजफायर का उल्लंघन
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है, जिनमें अखनूर, सुंदरबनी, नौशेरा, केजी सेक्टर, मेंढर, राजौरी, पूंछ, सांबा और आरएस पुरा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में भारी गोलाबारी और ड्रोन गतिविधियाँ देखी गईं, जिससे तनाव फिर से बढ़ गया है.
ड्रोन हमलों का खतरा
ड्रोन हमलों से बढ़ा खतरा
ड्रोन देखे जाने की घटनाएं भी चिंता का विषय बन गई हैं। उधमपुर, नौशेरा, राजौरी, पूंछ, श्रीनगर, अनंतनाग और बडगाम जैसे इलाकों में ड्रोन देखे गए और कुछ को निष्क्रिय भी किया गया। उधमपुर में ड्रोन हमले की पुष्टि से स्थिति और गंभीर हो गई है.
श्रीनगर में धमाके
श्रीनगर में धमाके, नागरिकों में दहशत
श्रीनगर में 7 से 8 जोरदार धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल बन गया। प्रशासन को आपातकालीन सुरक्षा उपाय लागू करने पड़े हैं। यह सब उस समय हो रहा है जब दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए सहमति जताई थी.