भारत सरकार का नया निर्णय: आतंकवादी हमले को युद्ध माना जाएगा

प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण बैठक
नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर ध्यान केंद्रित करते हुए शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त नीति अपनाने का निर्णय लिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी गतिविधि को भारत के खिलाफ युद्ध के रूप में देखा जाएगा और उसका जवाब भी उसी तरह दिया जाएगा।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी शामिल थे। यह बैठक तब हुई जब भारत ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को विफल कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी को इस दौरान पाकिस्तान द्वारा किए गए हमलों और भारतीय सेना की प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी गई।
सुरक्षा स्थिति पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी लगातार सभी घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं। पिछले 24 घंटों में यह उनकी सेना प्रमुखों और रक्षा मंत्री के साथ दूसरी महत्वपूर्ण बैठक थी। इससे पहले, उन्होंने शुक्रवार को भी एक बैठक की थी। शनिवार को विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज एयरबेस को नुकसान पहुंचा है। पाकिस्तान ने मिसाइलें दागकर अस्पतालों और स्कूलों को निशाना बनाया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एयर फोर्स स्टेशन सिरसा और एयर फोर्स स्टेशन सूरतगढ़ की तस्वीरें साझा कीं और बताया कि ये सुरक्षित हैं।
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना पश्चिमी सीमाओं पर लगातार हमले कर रही है और उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल किया है। भारत ने कई खतरों को नाकाम किया, लेकिन पाकिस्तान ने 26 से अधिक स्थानों पर हवाई घुसपैठ की कोशिश की।
पाकिस्तान ने पंजाब के वायुसेना बेस को निशाना बनाने के लिए रात 1:40 बजे हाई-स्पीड मिसाइलों का उपयोग किया। इसके बाद, भारत ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाक सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों और लड़ाकू जेट से हमला किया गया।