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राजस्थान में अलवर से बहरोड़ तक फोरलेन हाईवे का निर्माण

राजस्थान में अलवर से बहरोड़ तक फोरलेन हाईवे का निर्माण एक महत्वपूर्ण विकास है, जो यात्रा की गति और सुरक्षा को बढ़ाएगा। इस परियोजना से स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी। 60 किलोमीटर की सड़क को फोरलेन और डिवाइडर में बदलने से यात्रा का समय कम होगा। जानें इस हाईवे के निर्माण के पीछे की योजनाएँ और इसके लाभ।
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अलवर से बहरोड़ तक फोरलेन हाईवे का महत्व

राजस्थान में अलवर से बहरोड़ तक फोरलेन हाईवे का निर्माण
अलवर स्टेट हाईवे: राजस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है। फोरलेन स्टेट हाईवे के निर्माण से न केवल यात्रा की गति और सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि यह स्थानीय व्यापार, परिवहन और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। 60 किलोमीटर की सड़क को फोरलेन और डिवाइडर में परिवर्तित करने से वाहनों की गति में वृद्धि होगी। डिवाइडर के बीच में फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे, जो सौंदर्य को और बढ़ाएंगे।


अब अलवर से बहरोड़ की यात्रा केवल एक घंटे में पूरी होगी। यह मार्ग फोरलेन बनने जा रहा है, जिसके लिए डीपीआर बनाने में 2.50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पीडब्ल्यूडी ने इस परियोजना की शुरुआत की है। अलवर से बहरोड़ की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है, जबकि टूलेन से यात्रा करने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है।


कई स्थानों पर सड़क की स्थिति खराब है और डिवाइडर की अनुपस्थिति के कारण वाहनों की गति में रुकावट आती है। इससे यात्रा में अधिक समय लगता है। बहरोड़ अब दूसरे जिले का हिस्सा है, लेकिन अलवर जाना आवश्यक है क्योंकि दिल्ली मार्ग वहां से गुजरता है। अलवर के कई परिवार बहरोड़ में व्यापार करते हैं और प्रतिदिन यात्रा करते हैं। इसके अलावा, अलवर में काम करने वाले लोग भी इस मार्ग का उपयोग करते हैं। हर दिन चार लाख से अधिक वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं।


डिवाइडर के निर्माण से गति में वृद्धि


60 किलोमीटर की सड़क को फोरलेन और डिवाइडर में बदलने से वाहनों की गति में सुधार होगा। डिवाइडर के बीच में फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे, जिससे सौंदर्य और बढ़ेगा। हाल ही में, पीडब्ल्यूडी ने जेल सर्किल के आगे के क्षेत्र को चौड़ा किया था, लेकिन डिवाइडर का निर्माण नहीं हो पाया। इसे अब इस परियोजना में शामिल किया जा सकता है। फोरलेन पर लगभग 80 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।


केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग-62 पर नागौर से जोधपुर जिले के नेतड़ा तक 87 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाने की अनुमति दी थी। पीडब्ल्यूडी ने सड़क को फोरलेन में बदलने से पहले सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया। इसके साथ ही, सरकार को जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। डिवाइडर के कट नियमित रूप से लगाए जाने चाहिए ताकि लोगों को सुविधा मिले और वाहन चालकों की गति में रुकावट न आए। इस कार्य को शीघ्र पूरा करना आवश्यक है।