वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025: मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम और इसके प्रभाव
वक्फ अधिनियम का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पेश किया है, जो धार्मिक संपत्तियों में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। विपक्ष के आरोपों के विपरीत, यह अधिनियम किसी विशेष समुदाय को लक्षित नहीं करता है, बल्कि पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
वक्फ की परिभाषा और इसकी चुनौतियाँ
वक्फ का अर्थ है वह संपत्ति, चाहे चल या अचल, जिसे मुस्लिम धार्मिक या धर्मार्थ कार्यों के लिए दान किया जाता है। दशकों से, इस व्यवस्था में न्यूनतम निगरानी के कारण कई अनियमितताएँ और शोषण हुए हैं। भाजपा सरकार ने अब सुधारों को लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे वक्फ बोर्डों में सुशासन लाया जा सके।
एकाधिकार को समाप्त करना
वक्फ बोर्डों ने लंबे समय तक बिना उचित प्रक्रिया के भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित किया। भाजपा ने धारा 40 को समाप्त कर दिया है, जो वक्फ बोर्डों को मनमानी शक्तियाँ देती थी। अब, धर्म के नाम पर भूमि हड़पने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
जवाबदेही और शासन में सुधार
वक्फ संशोधन विधेयक के तहत, वक्फ बोर्डों की शक्तियों का युक्तिकरण किया गया है। पुराने कानून के तहत, वक्फ बोर्डों को असाधारण शक्तियाँ प्राप्त थीं, जिनका दुरुपयोग होता था। नए विधेयक में निष्पक्ष शासन के लिए जांच और संतुलन की व्यवस्था की गई है।
वित्तीय पारदर्शिता और डिजिटलीकरण
यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और वित्तीय जांच को लागू करता है, जिससे मुस्लिम समुदाय के गरीब वर्गों को लाभ मिलेगा। यह सुधार वंशवादी मौलवियों और राजनीतिक पिट्ठुओं के हाथों में सत्ता को केंद्रित करने के बजाय, लोगों को सशक्त बनाता है।
समावेशिता का महत्व
राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना इस विधेयक की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। भाजपा का तर्क है कि यह समावेशिता को बढ़ावा देता है, जिससे हाशिए पर पड़े समुदायों की आवाज़ सुनी जा सके।
सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा
विधेयक में सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा का प्रावधान है, जिससे गलत दावों से बचाव होगा। यह सुनिश्चित करता है कि भूमि विवादों का समाधान अधिक न्यायसंगत तरीके से किया जाएगा।
वक्फ सुधार का आधुनिकीकरण
यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाला है। यह वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटलीकरण के माध्यम से बेहतर ट्रैकिंग के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाने की दिशा में एक कदम है।
निष्कर्ष
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 भारत में वक्फ संपत्तियों के शासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सभी समुदायों के लिए समान शासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।