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हरियाणा-पंजाब जल विवाद: भाखड़ा डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती

हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा डैम के जल विवाद पर हाल ही में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बीबीएमबी अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने शपथ पत्र में सीआईएसएफ की तैनाती की प्रक्रिया की जानकारी दी। सुनवाई के दौरान, पंजाब पुलिस द्वारा सुरक्षा में बाधा उत्पन्न करने के आरोप भी लगे। जानें इस विवाद के विभिन्न पहलुओं और हाईकोर्ट के सख्त रुख के बारे में।
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हरियाणा-पंजाब जल विवाद: भाखड़ा डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती

बीबीएमबी अध्यक्ष का हाईकोर्ट में शपथ पत्र

बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने हाल ही में हाईकोर्ट में एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया। हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा नहर के जल विवाद पर सुनवाई के दौरान, उन्होंने बताया कि भाखड़ा डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने पंजाब के बीबीएमबी अधिकारियों और पुलिस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया, जिससे परियोजना की सुरक्षा और जल विनियमन में बाधा उत्पन्न हुई।


8 मई को डैम का दौरा और सुरक्षा की मांग

मनोज त्रिपाठी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण, 8 मई को भाखड़ा नांगल परियोजना के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का दौरा करने की योजना बनाई गई थी। उन्होंने रूपनगर पुलिस से सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया।


नंगल डैम में प्रवेश में बाधा

बीबीएमबी अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें और सुरक्षा निदेशक को नंगल डैम परिसर में प्रवेश करने से रोका गया। स्थानीय पुलिस ने कहा कि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है।


गेस्ट हाउस में दो घंटे तक बंधक

उन्होंने शपथ पत्र में उल्लेख किया कि नंगल पहुंचने पर, उन्हें गेस्ट हाउस में दो घंटे तक रोका गया, जिससे भाखड़ा बांध की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा नहीं हो सकी।


पुलिस ने गेस्ट हाउस छोड़ने का आदेश दिया

बीबीएमबी के अधिकारियों को गेस्ट हाउस से बाहर जाने के लिए कहा गया, जबकि उन्होंने अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति मांगी।


भीड़ ने वाहनों को रोकने का प्रयास किया

गेस्ट हाउस से बाहर निकलते समय, भीड़ ने वाहनों को रोकने का प्रयास किया और कुछ ने वाहनों पर हाथ भी मारा।


200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया

मनोज त्रिपाठी ने कहा कि बीबीएमबी ने हरियाणा के मांगपत्र के अनुसार 200 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया।


हाईकोर्ट का सख्त रुख

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब सरकार को फटकार लगाई और आश्वासन मांगा कि कोर्ट का फैसला लागू किया जाएगा।


पंजाब ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा

पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।