हरियाणा में आपदा प्रबंधन के लिए 1.10 करोड़ रुपये की मंजूरी

हरियाणा में आपदा प्रबंधन को मजबूती देने का कदम
हरियाणा में आपदा प्रबंधन के लिए 1.10 करोड़ रुपये की मंजूरी: राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, सभी जिलों के उपायुक्तों के लिए 1.10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस फंड के साथ, सरकार ने आपात स्थितियों से निपटने के लिए सख्त दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। आइए, इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आपदा प्रबंधन के लिए आवंटित फंड
हरियाणा सरकार ने प्रत्येक जिले के उपायुक्त को आपदा प्रबंधन हेतु 5 लाख रुपये आवंटित किए हैं। यह कुल राशि 1.10 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य जिलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तायुक्त राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह फंड आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए है। उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस राशि का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए करें और वित्तीय अनुशासन का सख्ती से पालन करें।
वित्तीय पारदर्शिता पर ध्यान
डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि खजाना कार्यालय से धनराशि केवल वास्तविक आवश्यकता के आधार पर ही निकाली जाए। उपायुक्तों को हर महीने की 10 तारीख तक व्यय का विवरण प्रपत्र संख्या 26 और 29 के माध्यम से लेखा शाखा को भेजना होगा।
इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली (NDMIS) पोर्टल पर मासिक व्यय विवरण अपलोड करना और उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को प्राथमिकता के साथ जमा करना अनिवार्य है। बिना सरकार की पूर्व स्वीकृति के स्वीकृत सीमा से अधिक खर्च करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम
आपदा प्रबंधन को और प्रभावी बनाने के लिए, सभी उपायुक्तों को जिला स्तर पर 24 घंटे सक्रिय नियंत्रण कक्ष सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही, वायु चेतावनी प्रणाली, आपातकालीन सेवाएं और चिकित्सा सुविधाएं भी पूरी तरह चालू रखने को कहा गया है। डॉ. मिश्रा ने जोर देकर कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के सभी प्रावधानों और दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
जमाखोरी पर सख्ती
आपात स्थिति में आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और घबराहट में खरीदारी को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. मिश्रा ने उपायुक्तों से कहा कि वे ऐसी गतिविधियों पर नजर रखें और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करें। यह कदम जनता में विश्वास बनाए रखने और आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू रखने के लिए जरूरी है।
लोगों के लिए क्या मायने?
यह निर्णय हरियाणा के नागरिकों के लिए राहत की खबर है। आपदा प्रबंधन के लिए फंड और सख्त दिशा-निर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आपात स्थिति में जिला प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर सके।
24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम और चिकित्सा सुविधाएं लोगों को सुरक्षा का भरोसा देती हैं। हालांकि, नागरिकों से भी अपील है कि वे घबराहट में खरीदारी से बचें और प्रशासन का सहयोग करें।
सावधानी और जागरूकता जरूरी
डॉ. सुमिता मिश्रा ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे आपदा प्रबंधन से संबंधित सरकारी निर्देशों का पालन करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या जमाखोरी की जानकारी तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें। यह सहयोग आपात स्थिति में व्यवस्था को और मजबूत बनाएगा।
हरियाणा सरकार का यह कदम आपदा प्रबंधन में पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई को बढ़ावा देगा। ताजा अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।