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होली का जश्न: भारतीय उत्पादों की बिक्री में जबरदस्त उछाल

जैसे-जैसे होली का त्यौहार नजदीक आ रहा है, देशभर में व्यापारियों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। इस बार भारतीय उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जबकि चीनी सामानों का बहिष्कार जारी है। CAIT के अनुसार, इस साल 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है। दिल्ली में बाजारों में होली की रौनक साफ दिखाई दे रही है, जहां हर्बल रंगों की मांग भी बढ़ी है। जानें इस त्योहार की खासियतें और उत्सव का जश्न।
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त्यौहार की तैयारी में व्यापारियों की बिक्री में वृद्धि

जैसे-जैसे होली का त्यौहार नजदीक आ रहा है, देशभर में व्यापारियों की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण भारतीय उत्पादों की बढ़ती मांग है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव और चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस बार भी चीनी सामानों का व्यापक बहिष्कार किया गया है, जैसा कि पिछले वर्षों में देखा गया था।


60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना

होली के पारंपरिक सामानों के साथ-साथ मिठाइयों, सूखे मेवों, उपहारों, फूलों, फलों, कपड़ों और सजावट की वस्तुओं की मांग भी काफी बढ़ गई है। CAIT के अनुसार, इस त्यौहार का आर्थिक प्रभाव बहुत बड़ा है, और इस साल 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 50,000 करोड़ रुपये से लगभग 20% अधिक है।


खुशियों का त्योहार होली

खंडेलवाल ने कहा कि होली केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह खुशी और जश्न का प्रतीक है। इससे न केवल खुदरा बिक्री में वृद्धि होती है, बल्कि स्थानीय व्यवसायों, छोटे व्यापारियों, लघु उद्योगों और एमएसएमई क्षेत्र को भी लाभ मिलता है। उन्होंने कहा, "भारत त्योहारों का देश है और हर उत्सव अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।"


दिल्ली में बाजारों की रौनक

दिल्ली में होली का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जहां अकेले इस त्योहार से 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होने की उम्मीद है। शहर के बाजारों में त्योहार की रौनक साफ दिखाई दे रही है, जहां रंगीन गुलाल, पानी की बंदूकें और अन्य सजावटी सामान भरे पड़े हैं। मिठाई की दुकानों में भी बिक्री में भारी उछाल देखने को मिल रहा है, खासकर पारंपरिक गुजिया जैसी मिठाइयों की।


हर्बल रंगों की बढ़ती मांग

इस साल एक प्रमुख प्रवृत्ति हर्बल गुलाल और प्राकृतिक रंगों की ओर बढ़ती प्राथमिकता है, क्योंकि उपभोक्ता रासायनिक उत्पादों से दूर जा रहे हैं। पानी के गुब्बारे और पानी की बंदूकों की मांग भी बढ़ी है, जिसमें विभिन्न प्रकार की नई बंदूकें शामिल हैं। इनकी कीमतें 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक हैं, और बाजार में स्पाइडर-मैन और छोटा भीम जैसे लोकप्रिय पात्रों के साथ पानी की बंदूकें भी उपलब्ध हैं।


होली का उत्साह और कार्यक्रम

दिल्ली और अन्य हिस्सों में होली के जश्न के साथ, हजारों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बैंक्वेट हॉल, होटल और सार्वजनिक पार्क पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। त्योहार का उत्साह स्पष्ट है, क्योंकि दिल्ली भर में होली मिलन समारोह की योजना बनाई गई है, जिसमें समुदाय के लोग एक साथ मिलकर खुशियां मना रहे हैं। जैसे-जैसे होली नजदीक आ रही है, बाजारों में भीड़ बढ़ने की उम्मीद है, और व्यापारियों को इस मौसम में अधिक बिक्री की उम्मीद है।