14 जुलाई 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को मिल सकती हैं चुनौतियाँ

दैनिक राशिफल
दैनिक राशिफल: 14 जुलाई 2025, सोमवार को सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र सुबह 6:49 बजे तक रहेगा, इसके बाद शतभिषा नक्षत्र का आगमन होगा। आयुष्मान योग शाम 4:14 बजे तक सक्रिय रहेगा, इसके बाद सौभाग्य योग प्रारंभ होगा। करण बव दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा, इसके बाद बालव योग का प्रभाव होगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, वृषभ में शुक्र, मिथुन में गुरु और सूर्य, कर्क में बुध, सिंह में मंगल और केतु, कुंभ में चंद्रमा और राहु, तथा मीन में शनि उपस्थित रहेंगे। आइए जानते हैं कि 14 जुलाई का दिन किन राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के 5वें भाव में मंगल और केतु की युति का प्रभाव रहेगा। इससे मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। वहीं, राहु और चंद्रमा का कुंभ राशि में होना आपके 11वें भाव पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, जिससे सामाजिक संबंधों में तनाव और गलतफहमियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र का प्रभाव भावनात्मक अस्थिरता को बढ़ा सकता है।
उपाय- हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और लाल चंदन का तिलक करें।
कर्क राशि
कर्क राशि में बुध की उपस्थिति रहेगी। इसके साथ ही कुंभ में चंद्रमा और राहु का होना मानसिक चिंता और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है। आयुष्मान योग के बाद सौभाग्य योग का प्रभाव कमजोर हो सकता है। चंद्रमा और राहु की युति का अशुभ प्रभाव कार्यों में देरी और गलत निर्णय की संभावना को बढ़ा सकता है।
उपाय- दूध और चावल से बनी खीर का दान करें।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र वृषभ में होकर आपके पंचम भाव को प्रभावित करेगा। इससे प्रेम और रचनात्मक कार्यों में बाधाएँ आ सकती हैं। चंद्रमा और राहु की युति आपके पंचम भाव में भावनात्मक अस्थिरता और निर्णय लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है। शतभिषा नक्षत्र का प्रभाव मानसिक भटकाव उत्पन्न कर सकता है।
उपाय- माता लक्ष्मी को सफेद फूल अर्पित करें और 'ओम शुं शुक्राय नमः' का जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में चंद्रमा और राहु की उपस्थिति मानसिक तनाव, भ्रम और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं। शनि का मीन राशि में होना आपके 12वें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे खर्चों में वृद्धि और नींद की समस्याएँ हो सकती हैं। शतभिषा नक्षत्र का प्रभाव इस राशि पर सीधा पड़ेगा, जो अस्थिरता को बढ़ाएगा।
उपाय- शनिदेव को काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करें और 'ॐ रां राहवे नमः' का 108 बार जाप करें।