1990 के वायुसेना कर्मियों की हत्या मामले में यासीन मलिक की पहचान
जम्मू की टाडा अदालत में सुनवाई
जम्मू: श्रीनगर में 1990 में वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या के मामले में शनिवार को जम्मू की टाडा अदालत में दो महत्वपूर्ण गवाहों ने आतंकवादी यासीन मलिक और उसके साथियों—जावेद मीर, नाना जी और शौकत बख्शी की पहचान की।
इस दिन चारों आरोपियों को टाडा अदालत में पेश किया गया। यासीन मलिक ने तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थिति दर्ज कराई। जिरह के दौरान, दोनों गवाहों—एक वायुसेना के स्टाफ और एक अन्य चश्मदीद ने स्पष्ट रूप से कहा कि यासीन मलिक ने ही हमले को अंजाम दिया था। उन्होंने उसे मुख्य शूटर बताते हुए कहा कि गोलीबारी की शुरुआत उसी ने की थी।
इस हमले में चार वायुसेना कर्मी शहीद हुए, जिनमें वायुसेना अधिकारी रवि खन्ना भी शामिल थे, और 22 अन्य घायल हुए थे। जिरह के दौरान गवाह अपने पूर्व बयान पर अडिग रहे।
मामले का विवरण:
25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपुरा क्षेत्र में वायुसेना कर्मियों पर हुए इस भीषण हमले में यासीन मलिक पर अन्य आतंकियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने का आरोप है। जांच एजेंसियों के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य उस समय घाटी में आतंक फैलाना था। गवाहों द्वारा की गई पहचान के बाद इस मामले की अगली सुनवाई **29 नवंबर** को निर्धारित की गई है।
