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महाकुम्भ : अर्धकुम्भ 2019 के मुकाबले 43 करोड़ ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

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महाकुम्भ :  अर्धकुम्भ 2019 के मुकाबले 43 करोड़ ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी


महाकुम्भ नगर, 26 फरवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुम्भ 2025 ने कई नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इन कीर्तिमानों की चर्चा देश-दुनिया में हो रही है। महाकुम्भ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने पुराने रिकॉर्ड तो ध्वस्त किये ही, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के अनुमान को भी मीलों पीछे छोड़ दिया। सीएम योगी के नेतृत्व में 2019 में प्रयागराज में अर्धकुम्भ आयोजित हुआ था। इसमें 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी थी। इस महाकुम्भ में महाशिवरात्रि के स्नान के दिन शाम छह बजे तक 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। उप्र सरकार को महाकुम्भ में 45 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान था। हालांकि श्रद्धालुओं का अंतिम आंकड़ा आना शेष है।

प्रयागराज में 2019 में अर्ध कुंभ मेला 15 जनवरी से चार मार्च तक आयोजित हुआ था। 49 दिन तक चलने वाले इस मेले में 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। अर्ध कुम्भ में महाशिवरात्रि पर चार मार्च को एक करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई थी। यह संख्या मेला प्रशासन के अनुमान से कहीं अधिक थी। मेला प्रशासन ने 50-60 लाख श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान करने की संभावना जताई थी। अब तक कुम्भ मेले में 24 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया था।

महाकुम्भ ने नये कीर्तिमान स्थापित किये। प्रदेश की योगी सरकार ने भव्य दिव्य और डिजिटल कुम्भ की सफलता के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसका नतीजा भी देखने को मिला। 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुम्भ में अंतिम स्नान तक आते आते श्रद्धालुओं की संख्या के सारे अनुमान मीलों पीछे छूट गये। पुराने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गये। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार शाम 6 बजे तक 66.21 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं का अंतिम आंकड़ा आना शेष है।

महाश्विरात्रि का भी रिकॉर्ड टूटा : अर्ध कुम्भ 2019 में महाशिवरात्रि पर एक करोड़ से ​अधिक लोगों ने आस्था की डुबकी लगायी थी। 2025 महाकुम्भ में महाशिवरात्रि के अभी अंतिम आंकड़ें आने बाकी है। शाम 6 बजे तक करीब 1.44 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं।

विश्व में सबसे बड़ा मानव जुटाव बना महाकुम्भ : प्रयागराज में 45 दिन में जुटे श्रद्धालुओं की संख्या दुनिया के 231 देशों की आबादी से ज्यादा है। सिर्फ भारत और चीन की आबादी ही प्रयागराज पहुंचे लोगों की संख्या से ज्यादा रही। विश्व के कुछ सबसे बड़े जुटावों में 2025 के महाकुम्भ मेले से पहले 2019 को प्रयागराज में हुआ अर्ध कुम्भ, 2013 में प्रयागराज में हुआ कुम्भ और 2010 में हरिद्वार में हुआ कुम्भ शामिल है। चौंकाने वाली बात यह है कि दुनिया में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या अन्य आयोजनों में इतनी भीड़ नहीं जुटी है। उदाहरण के लिए सऊदी अरब में हर साल होने वाले हज में करीब 25 लाख मुस्लिम मक्का में एकत्रित होते हैं। दूसरी तरफ इराक में हर साल होने वाले अरबईन में दो दिन में 2 करोड़ से अधिक तीर्थयात्री जुटते हैं।

महाकुम्भ नगर की आबादी 231 देशों से ज्यादा : महाकुम्भ नगर में 45 दिन में जुटे श्रद्धालुओं की संख्या दुनिया के 231 देशों की आबादी से ज्यादा है। सिर्फ भारत और चीन की आबादी ही महाकुम्भ नगर पहुंचे लोगों की संख्या से ज्यादा रही। जहां भारत की अनुमानित आबादी 145 करोड़ है, वहीं चीन की अनुमानित जनसंख्या 141 करोड़ है। इसके बाद नंबर आता है अमेरिका का, जहां की आबादी महज 34 करोड़ है। यानी महाकुंभनगर में पहुंचे लोगों के मुकाबले सिर्फ आधी।

महाकुम्भ में अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु यहां अब तक आ चुके हैं। यही नहीं, जापान की पांच गुना आबादी, यूके की 10 गुना से ज्यादा आबादी और फ्रांस की 15 गुना से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई है।

60 फीसदी से अधिक सना​तनियों ने लगायी डुबकी : उप्र सरकार के मुताबिक, सनातन धर्म को मानने वाले दुनिया के 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया। अमेरिका की दोगुनी, रूस की चार गुनी और जापान की पांच गुनी से अधिक आबादी ने संगम में डुबकी लगाई। उप्र सरकार ने कहा-यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन है। इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में लोगों के सहभागी होने के प्रमाण नहीं हैं।

विशेष स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या :

13 जनवरी (पौष पूर्णिमा, महाकुम्भ की शुरूआत) को 1.70 करोड़

14 जनवरी (मकर संक्रांति, प्रथम अमृत स्नान) को 3.50 करोड़

29 जनवरी (मौनी अमावस्या, दूसरा अमृत स्नान) को 7.64 करोड़

03 फरवरी (वसंत पंचमी, तीसरा और अंतिम अमृत स्नान) को 2.57 करोड़

12 फरवरी (माघी पूर्णिमा स्नान) को 2.04 करोड़

हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Ashish Vashisht