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2025 के चुनाव: बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार का विश्लेषण

साल 2025 में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने दिल्ली में शानदार जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। बिहार में भी बीजेपी ने जेडीयू से अधिक सीटें जीतीं। इस लेख में हम इन चुनावों के परिणामों और पार्टियों की स्थिति का विश्लेषण करेंगे। जानें कैसे इन चुनावों ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है।
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2025 के चुनाव: बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार का विश्लेषण

चुनावों का वर्ष: 2025 की राजनीतिक तस्वीर


नई दिल्ली: साल 2025 अब कुछ ही दिनों में आने वाला है। इस वर्ष दुनिया भर में कई घटनाएं घटीं। यदि हम अपने देश और यहां की राजनीतिक पार्टियों की बात करें, तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने प्रभाव को बढ़ाने का अवसर पाया है, जबकि कांग्रेस धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही है। कुछ पार्टियों को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।


इस वर्ष दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए। इन चुनावों के परिणाम ने सभी को चौंका दिया। कुछ सीटों पर मुकाबले ने चर्चा का विषय बना दिया। आइए, इस वर्ष के महत्वपूर्ण चुनावों और पार्टियों की जीत-हार पर एक नजर डालते हैं।


बीजेपी की शानदार जीत

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर 5 फरवरी को चुनाव हुए, जिसमें लगभग 1 करोड़ मतदाताओं ने करीब 700 उम्मीदवारों के लिए वोट डाले। इन वोटों के परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए गए, जिसमें बीजेपी ने 26 साल बाद दिल्ली में 48 सीटों पर जीत हासिल की।


वहीं, कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली, जिससे उसका सपना चकनाचूर हो गया। आम आदमी पार्टी ने पहले ही कांग्रेस को दिल्ली की सत्ता से हटा दिया था, और अब कांग्रेस अपनी वापसी की कोशिश कर रही है। दिल्ली की कई सीटों पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला।


चुनौती देने वाले 11 प्रत्याशी

दिल्ली चुनाव में सबसे बड़ी जीत आले मोहम्मद इकबाल को मिली, जो मटिया महल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें चुनौती देने के लिए 11 प्रत्याशियों ने मैदान में उतरे, लेकिन केवल बीजेपी की दीप्ति अरोड़ा ही उन्हें चुनौती देने में सफल रहीं। फिर भी, दोनों के बीच वोटों का बड़ा अंतर देखने को मिला। इकबाल को 58,120 वोट मिले, जबकि दीप्ति को केवल 15,396 वोट मिले। इस प्रकार, इकबाल ने 50.7 प्रतिशत के अंतर से चुनाव जीत लिया।


बिहार में कड़ा मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ। इस बार मुख्य रूप से दो गठबंधनों के बीच मुकाबला हुआ। एक ओर राष्ट्रीय जनता दल का महागठबंधन था, जबकि दूसरी ओर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू एनडीए गठबंधन का नेतृत्व कर रही थी। इस मुकाबले का परिणाम दिलचस्प रहा, जहां बीजेपी ने जेडीयू से अधिक सीटें जीतीं। बीजेपी को 89 और जेडीयू को 85 सीटें मिलीं, जबकि आरजेडी को 25 और कांग्रेस को केवल 6 सीटें मिलीं।


बीमा भारती को मिली हार

इस चुनाव में सबसे बड़ी जीत जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल को मिली, जो पूर्णिया जिले की रुपौली सीट से चुनावी मैदान में थे। उन्हें 14 प्रत्याशियों ने चुनौती दी, लेकिन उन्होंने अपनी जीत को बनाए रखा। उन्होंने बिहार की प्रमुख महिला नेता बीमा भारती को भी रिकॉर्ड तोड़ मतों से पछाड़ दिया। कलाधर को 55.5 प्रतिशत वोट मिले, जबकि बीमा भारती को 22.8 प्रतिशत वोट मिले।


इन दो बड़े विधानसभा चुनावों के अलावा 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए, जिसमें उत्तर प्रदेश का मिल्कीपुर सीट भी चर्चा में रहा। यहां बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान को उतारा, जबकि समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा। इस मुकाबले में चंद्रभानु ने भारी मतों से जीत हासिल की। इसके अलावा ओडिशा समेत कई राज्यों में भी उपचुनाव हुए।