2026 में पूर्णिमा की तिथियों का महत्व और विशेषताएँ
2026 में पूर्णिमा का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2026 में कुल 13 बार पूर्णिमा आएगी। पूर्णिमा वह दिन है जब चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है, जिससे इसे मानसिक शांति, आध्यात्मिक संतुलन और पुण्य अर्जन का महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है। इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा जैसी प्रमुख तिथियाँ भी शामिल हैं।
पूर्णिमा का महत्व और धार्मिक मान्यता
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का संबंध भगवान विष्णु, चंद्र देव और देवी लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन चंद्रमा का प्रभाव मन पर गहरा होता है, जिससे ध्यान, मंत्र जप और दान से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। धार्मिक विद्वानों का मानना है कि पूर्णिमा पर किया गया दान सामान्य दिनों की तुलना में अधिक फलदायी होता है।
2026 की सभी पूर्णिमा तिथियाँ
जनवरी 2026: पौष पूर्णिमा - 3 जनवरी, पूर्णिमा समय: 2 जनवरी शाम 6:53 से 3 जनवरी दोपहर 3:32 तक।
फरवरी 2026: माघ पूर्णिमा - 1 फरवरी, पूर्णिमा समय: 1 फरवरी सुबह 5:52 से 2 फरवरी सुबह 3:38 तक।
मार्च 2026: फाल्गुन पूर्णिमा - 3 मार्च, पूर्णिमा समय: 2 मार्च शाम 5:55 से 3 मार्च शाम 5:07 तक।
अप्रैल 2026: चैत्र पूर्णिमा - 1 और 2 अप्रैल, पूर्णिमा समय: 1 अप्रैल सुबह 7:06 से 2 अप्रैल सुबह 7:41 तक।
मई 2026: वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा - 1 मई, पूर्णिमा समय: 30 अप्रैल रात 9:12 से 1 मई रात 10:52 तक।
जून 2026: ज्येष्ठ पूर्णिमा - 29 और 30 जून, पूर्णिमा समय: 29 जून सुबह 3:06 से 30 जून सुबह 5:26 तक।
जुलाई 2026: आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा - 29 जुलाई, पूर्णिमा समय: 28 जुलाई शाम 6:18 से 29 जुलाई रात 8:05 तक।
अगस्त 2026: श्रावण पूर्णिमा या रक्षा बंधन - 27 और 28 अगस्त, पूर्णिमा समय: 27 अगस्त सुबह 9:08 से 28 अगस्त सुबह 9:48 तक।
सितंबर 2026: भाद्रपद पूर्णिमा - 26 सितंबर, पूर्णिमा समय: 25 सितंबर रात 11:06 से 26 सितंबर रात 10:18 तक।
अक्टूबर 2026: आश्विन पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा - 25 और 26 अक्टूबर, पूर्णिमा समय: 25 अक्टूबर दोपहर 11:55 से 26 अक्टूबर सुबह 9:41 तक।
नवंबर 2026: कार्तिक पूर्णिमा या देव दीपावली - 24 नवंबर, पूर्णिमा समय: 23 नवंबर रात 11:42 से 24 नवंबर शाम 8:23 तक।
दिसंबर 2026: मार्गशीर्ष पूर्णिमा - 23 दिसंबर, पूर्णिमा समय: 23 दिसंबर सुबह 10:47 से 24 दिसंबर सुबह 6:57 तक।
पूर्णिमा का सामाजिक और आध्यात्मिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्णिमा के दिन ध्यान और उपवास से तनाव कम होता है और मानसिक संतुलन में सुधार होता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पूर्णिमा सामूहिक पूजा और सामाजिक एकता का प्रतीक बनी हुई है।
पूर्णिमा पर ध्यान देने योग्य बातें
पूर्णिमा का व्रत रखने से पहले स्थानीय पंचांग के अनुसार समय की पुष्टि करना आवश्यक है, क्योंकि विभिन्न शहरों में तिथि के समय में कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।
