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2026 में बीज गुणवत्ता कानून: किसानों के लिए नई उम्मीदें

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2026 में बीज गुणवत्ता कानून लाने की घोषणा की है, जो किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और कृषि उपकरण प्रदान करेगा। इस कानून का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना है। नए नियमों में घटिया बीजों की बिक्री पर सख्त सजा का प्रावधान होगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार बीज अधिनियम में संशोधन कर रही है, जिसमें ट्रेसबिलिटी और गुणवत्ता जांच को अनिवार्य किया जाएगा। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने भी अपने बीज कानूनों में बदलाव किए हैं। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में और कैसे यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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2026 में बीज गुणवत्ता कानून: किसानों के लिए नई उम्मीदें

2026 में बीज गुणवत्ता कानून का ऐलान

2026 में बीज गुणवत्ता कानून: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि सरकार संसद के बजट सत्र में बीज की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त कानून पेश करेगी। उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और कृषि उपकरण उपलब्ध होंगे, जिससे उनकी फसल और आय में वृद्धि होगी।


कृषि क्षेत्र पर सरकार का ध्यान

मंत्री चौहान ने बताया कि देश की लगभग 46 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, इसलिए किसानों की आय को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि 2026 के बजट सत्र में नया बीज कानून लाया जाएगा, जिसमें घटिया बीजों की बिक्री पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा।


गुणवत्ता नियंत्रण और ट्रेसबिलिटी पर जोर

उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार बीज अधिनियम में संशोधन पर तेजी से काम कर रही है, हालांकि इसे अभी आधिकारिक रूप से लागू नहीं किया गया है। नए नियमों में बीज की उत्पत्ति (ट्रेसबिलिटी), प्रमाणन और गुणवत्ता जांच को अनिवार्य किया जाएगा, ताकि नकली या खराब बीजों की बिक्री को रोका जा सके।


राज्य सरकारों की पहल

हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों ने 2025 में अपने बीज कानूनों में बदलाव किए हैं, जिसमें दोषी व्यक्तियों के लिए भारी जुर्माना और कठोर कार्रवाई के प्रावधान जोड़े गए हैं।


रिसर्च और नई किस्मों का विकास

चौहान ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जीएम (जेनेटिकली मॉडिफाइड) बीजों को अनुमति नहीं है, लेकिन बेहतर किस्मों के विकास के लिए अनुसंधान जारी है।


इंटीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार इंटीग्रेटेड फार्मिंग को प्रोत्साहित करेगी। चौहान ने कहा कि किसानों को कृषि के साथ मुर्गी पालन, डेयरी और अन्य गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


नेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रगतिशील किसानों की भागीदारी

दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में 24 राज्यों और 140 जिलों से 500 से अधिक प्रगतिशील किसान, FPO प्रतिनिधि, कार्यान्वयन एजेंसियां और क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन शामिल हुए।