2027 में जनगणना: केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

जनगणना की अधिसूचना का प्रकाशन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें बताया गया है कि 2027 में जनगणना आयोजित की जाएगी। इस बार जातियों की भी गिनती की जाएगी। हालांकि, इस बारे में पहले ही घोषणा की जा चुकी थी, लेकिन 16 जून को इसे राजपत्र में प्रकाशित किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, और उसके बाद कोरोना महामारी के कारण यह प्रक्रिया टल गई थी, जो अब तक लंबित है।
जनगणना की प्रक्रिया और तिथियाँ
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, और राज्यों हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में जनगणना एक अक्टूबर 2026 से शुरू होगी। वहीं, देश के अन्य हिस्सों में यह एक मार्च 2027 से होगी। इसका अर्थ है कि चार राज्यों के लिए संदर्भ तिथि एक अक्टूबर 2026 है, जिसका मतलब है कि उस दिन रात तक जन्म लेने वाले बच्चों की गिनती की जाएगी।
गणनाकर्ताओं की संख्या और तैयारी
सूत्रों के अनुसार, जनसंख्या संबंधी आंकड़े एकत्र करने का कार्य लगभग 34 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों द्वारा किया जाएगा, जिनके पास डिजिटल उपकरण भी होंगे। सरकार के बयान में कहा गया है कि इस जनगणना के साथ जातिगत गणना भी की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
जनगणना के चरण
जनगणना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन होगा, जिसमें हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण इकट्ठा किया जाएगा। इसके बाद, दूसरे चरण में जनसंख्या गणना की जाएगी, जिसमें लोगों की संख्या, सामाजिक और आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक और शैक्षिक स्थिति, और हर घर में प्रत्येक व्यक्ति से संबंधित अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी।