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22 वर्षीय लड़की की भविष्यवाणी: मौत से पहले की गई बात सच साबित हुई

एक 22 वर्षीय लड़की की भविष्यवाणी ने सबको चौंका दिया जब उसकी मौत की भविष्यवाणी सच साबित हुई। ऐलिस फिगुएरेडो ने अपनी मां से कहा था कि वह सीधे बॉडी बैग में जाएगी। यह घटना 2015 की है और हाल ही में लंदन की अदालत ने इस मामले में अंतिम निर्णय सुनाया। जानिए कैसे अस्पताल की लापरवाही ने इस मामले को और भी रहस्यमय बना दिया।
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22 वर्षीय लड़की की भविष्यवाणी: मौत से पहले की गई बात सच साबित हुई

भविष्यवाणी जो सच हुई


एक दिल दहला देने वाली घटना में, पूर्वी लंदन की 22 वर्षीय ऐलिस फिगुएरेडो ने अपनी मौत के बारे में एक भयावह भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हुई। यह मामला 2015 का है और हाल ही में लंदन की अदालत ने इस पर अंतिम निर्णय सुनाया है।


ऐलिस बाइपोलर डिसऑर्डर और एनोरेक्सिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों से जूझ रही थी। उसे इलफोर्ड के गुडमेज अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन अपनी अंतिम सांस लेने से कुछ हफ्ते पहले, उसने अपने परिवार को एक ऐसा संदेश दिया, जिसने सबको चौंका दिया। उसने अपनी मां से कहा था, 'मैं अब यहां से सीधे बॉडी बैग में निकलूंगी।'


हालांकि, परिवार ने उसकी इस बात को बीमारी का असर मानकर नजरअंदाज कर दिया। लेकिन आज उसकी मां को इस बात का पछतावा है कि उन्होंने अपनी बेटी की इस अजीब भविष्यवाणी पर विश्वास क्यों नहीं किया।


भविष्यवाणी का भयानक सच

जुलाई 2015 में वह दिन आया, जिसने सभी को हिला कर रख दिया। ऐलिस की लाश उसी वार्ड में मिली, जहां उसने अपनी भविष्यवाणी की थी। उसकी मां ने जब उसे इस हालत में देखा, तो वह फूट-फूट कर रो पड़ी और खुद को कोसने लगी।


पोस्टमॉर्टम में यह सामने आया कि ऐलिस की मौत आत्महत्या से हुई थी। लेकिन जब इस मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में हुई, तो कई रहस्यमय बातें सामने आईं। यह पता चला कि ऐलिस ने पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी, फिर भी उसके कमरे में ऐसी चीजें रखी गई थीं, जिनसे वह अपनी जान ले सकती थी। परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल में 24 घंटे निगरानी नहीं थी और स्टाफ अपने राउंड्स में देरी करते थे।


कई दलीलों के बाद, अदालत ने माना कि यह अस्पताल की गंभीर लापरवाही का मामला है। अदालत ने अस्पताल के प्रमुख को दोषी ठहराते हुए जेल की सजा सुनाई और अस्पताल पर 5,65,000 पाउंड (लगभग 6.6 करोड़ रुपये) का भारी जुर्माना भी लगाया। यह अस्पताल 2014 में भी एक मरीज की मौत के मामले में जांच के दायरे में आ चुका था।