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30 साल पुराने भ्रूण से जन्मा बच्चा, चिकित्सा में नया रिकॉर्ड

ओहायो, अमेरिका में एक दंपती ने 30 साल पुराने भ्रूण से बच्चे का जन्म देकर चिकित्सा में नया रिकॉर्ड बनाया है। यह भ्रूण 1994 में बनाया गया था और इसके जन्म ने विज्ञान और उम्मीदों को नई दिशा दी है। लिंडसे और टिम पियर्स की कहानी संतान सुख की तलाश में 7 साल की मेहनत का परिणाम है। इस अद्भुत घटना के साथ एक और दंपती ने 18 साल बाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से संतान सुख पाया। जानें इस अद्भुत कहानी के बारे में।
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30 साल पुराने भ्रूण से जन्मा बच्चा, चिकित्सा में नया रिकॉर्ड

अमेरिका में अद्भुत चिकित्सा चमत्कार

वैज्ञानिक प्रगति और चिकित्सा के क्षेत्र में निरंतर नए चमत्कार सामने आ रहे हैं, लेकिन ओहायो, अमेरिका में एक दंपती का अनुभव विशेष रूप से चर्चा का विषय बन गया है। एक 30 साल पुराने भ्रूण से जन्मे बच्चे ने चिकित्सा जगत में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसने न केवल विज्ञान को बल्कि उम्मीदों को भी नई दिशा दी है।


संतान सुख की तलाश में दंपती

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लिंडसे और टिम पियर्स पिछले सात वर्षों से संतान प्राप्ति के प्रयास कर रहे थे। उनका सपना तब पूरा हुआ जब उन्होंने एक 30 साल पुराने भ्रूण को गोद लिया। यह भ्रूण 1994 में लिंडा आर्चर्ड द्वारा इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के माध्यम से बनाया गया था और तब से इसे सुरक्षित रखा गया था। इस भ्रूण से जन्मे बच्चे का नाम थाडियस डेनियल पियर्स रखा गया है, जिसका जन्म 26 जुलाई को हुआ।


भ्रूण की पुरानी कहानी

लिंडा आर्चर्ड और उनके पहले पति ने 1990 के दशक की शुरुआत में IVF तकनीक का उपयोग किया था। 1994 में चार भ्रूण बने, जिनमें से एक भ्रूण से उनकी बेटी का जन्म हुआ, जो अब 30 साल की है और खुद एक 10 साल की बेटी की मां है। शेष तीन भ्रूणों को सुरक्षित रखा गया। तलाक के बाद, लिंडा ने भ्रूणों की कस्टडी ली और उन्हें भविष्य के लिए संरक्षित किया।


कठिन जन्म की कहानी

थाडियस के जन्म की प्रक्रिया आसान नहीं थी। मां लिंडसे ने MIT टेक्नोलॉजी रिव्यू से बातचीत में कहा, "जन्म कठिन था, लेकिन अब हम दोनों स्वस्थ हैं। वह बहुत शांत है और हम इस अनमोल उपहार को देखकर भावुक हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनके बेटे की बड़ी बहन 30 साल की है। यह सब कुछ बहुत अविश्वसनीय लगता है।


18 साल की कोशिश के बाद सफलता

इस खबर के साथ एक और चिकित्सा चमत्कार सामने आया है। पिछले महीने एक और दंपती, जो 18 साल से संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत थे, ने भी सफलता पाई। इस बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से। पति में azoospermia नामक दुर्लभ स्थिति थी, जिसमें वीर्य में शुक्राणु नहीं होते। कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर की STAR तकनीक ने वीर्य में छिपे शुक्राणु को पहचान कर अलग किया, जिससे IVF के जरिए महिला गर्भवती हुई। यह STAR तकनीक से गर्भधारण का पहला मामला है।