4 जून 2025: ज्येष्ठ शुक्ल नवमी का महत्व और शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ शुक्ल नवमी का महत्व
4 जून 2025 को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो बुधवार को आ रही है। यह दिन ज्येष्ठ नवमी व्रत के रूप में मनाया जाएगा, जो धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पूजा और उपाय
इस दिन भगवान भैरव और माता काली की पूजा से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दिन न केवल धार्मिक कार्यों के लिए, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। भैरव जी की पूजा के साथ बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी माना जाता है।
पर्यावरण संरक्षण
इस दिन शिव मंदिर में जाकर पीपल, बेल, गूलर, आम या पाकड़ जैसे पवित्र वृक्षों का रोपण करना चाहिए। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि पापों का नाश भी करता है। जल से भरा घड़ा और फलों का दान करना भी पुण्यदायी माना जाता है।
विशेष कार्य
घर की छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रखना और गौशाला में गायों को रोटी, गुड़, चारा या पालक खिलाना इस दिन विशेष फल देता है। घर के मंदिर में चारों दिशाओं में दीपक जलाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
शुभ मुहूर्त
इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2:21 से 3:28 बजे तक और गोधुली मुहूर्त शाम 6:24 से 7:23 बजे तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:09 से 5:07 तक और अमृत काल सुबह 6:04 से 7:45 तक रहेगा।
राहुकाल और दिशा शूल
राहुकाल दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा, इस दौरान शुभ कार्यों से बचें। दिशा शूल उत्तर-पश्चिम दिशा में रहेगा, इसलिए इस दिशा में यात्रा करने से बचें।
आध्यात्मिक ऊर्जा का उपयोग
इस दिन अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा का उपयोग समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण में करें। यह दिन न केवल धार्मिक कार्यों के लिए, बल्कि आत्मिक और सामाजिक विकास के लिए भी एक सुनहरा अवसर है।