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500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध की चर्चा: जानें सच्चाई

हाल ही में 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध को लेकर चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये नोट एटीएम से निकासी के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। हालांकि, सरकार और RBI ने इस पर स्पष्टता दी है कि 500 रुपये के नोटों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जानें इस मुद्दे की सच्चाई और RBI के निर्देशों के बारे में।
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500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध की चर्चा: जानें सच्चाई

500 रुपये के नोटों पर चल रही चर्चाएँ


हाल ही में 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध को लेकर काफी चर्चा हो रही है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 500 रुपये के नोट एटीएम से निकासी के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। इसके अलावा, यह भी कहा जा रहा है कि ये नोट केवल 30 सितंबर तक ही एटीएम से निकाले जा सकेंगे। लेकिन क्या यह जानकारी सही है?


मानसून सत्र के दौरान, सरकार ने संसद में इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। सरकार ने बताया कि जनता की लेन-देन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) यह सुनिश्चित करेगा कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की उपलब्धता संतुलित रहे।


RBI के निर्देश


आरबीआई का लक्ष्य है कि कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता बढ़ाई जाए। इस संदर्भ में, आरबीआई ने सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम संचालकों को निर्देशित किया है कि वे 30 सितंबर 2025 तक 100 और 200 रुपये के नोटों की संख्या 75 प्रतिशत तक सुनिश्चित करें। इसके बाद, 31 मार्च 2026 तक इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।


आरबीआई का उद्देश्य 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाना नहीं है, बल्कि कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता को बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि 500 रुपये के नोटों और एटीएम से उनकी निकासी को लेकर चिंताओं का कोई आधार नहीं है।


कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता


5 अगस्त को राज्यसभा में इस विषय पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने सवाल उठाए थे। इससे पहले भी आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए थे कि एटीएम में कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।


इससे आम जनता को रोजमर्रा के लेन-देन में कोई कठिनाई न हो। जब भी जनता को वित्तीय मामलों में समस्या होती है, तो आरबीआई समय-समय पर बैंकों को निर्देश देता है। इसके साथ ही, कई बार मीडिया रिपोर्ट्स के कारण भी लोगों में संदेह उत्पन्न होता है।