Newzfatafatlogo

(अपडेट) मप्रः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे दो दिन में आठ हाथियों की मौत

 | 
(अपडेट) मप्रः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे दो दिन में आठ हाथियों की मौत


(अपडेट) मप्रः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे दो दिन में आठ हाथियों की मौत


(अपडेट) मप्रः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे दो दिन में आठ हाथियों की मौत


(अपडेट) मप्रः बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे दो दिन में आठ हाथियों की मौत


भोपाल, 30 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दो दिन में आठ हाथियों की मौत हो गई। मुख्य वन जीव अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव वीएन अम्बाड़े ने हाथियों की असामान्य मौतों की गहन जाँच करने के लिए बुधवार को उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया है। इस समिति का अध्यक्ष अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल. कृष्णमूर्ति को नामांकित किया गया है।

वहीं, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल रितेश सरोठिया (प्रभारी), स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एवं हेल्थ जबलपुर, अधिवक्ता एवं मानसेवी वन्यप्राणी अभिरक्षक कटनी मंजुला श्रीवास्तव और वैज्ञानिक, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर को सदस्य मनोनीत किया गया है। यह समिति बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई हाथियों के असामान्य मृत्यु के संबंध में गहन जाँच एवं स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में अपना जाँच प्रतिवेदन 10 दिवस में प्रस्तुत करेगी।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि 29 अक्टूबर की दोपहर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुण्ड में से कुछ हाथियों के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली थी। कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य-जीव स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सभी हाथियों की जाँच की गयी। उन्होंने बताया कि 13 हाथियों के झुण्ड में चार हाथियों की मंगलवार को ही मौत हो गई थी, जबकि छह हाथी गंभीर हालत में थे और उनमें से दो हाथियों की मंगलवार की रात मौत हो गई, जबकि एक हाथी ने बुधवार सुबह और एक ने शाम को दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इस तरह दो दिन में आठ हाथियों (एक नर और 7 मादा) की मृत्यु हो चुकी है। दो हाथी उपचार के सफल प्रयासों के बाद पूरी तरह से ठीक हो गये हैं। एक हाथी का अभी भी उपचार चल रहा है।

कृष्णमूर्ति ने बताया कि वन्य-जीव पशु चिकित्सकों और एसडब्ल्यूएफएच जबलपुर की टीमों द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है। कुल 14 चिकित्सक पोस्टमार्टम और उपचार में शामिल हैं। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एवं मुख्य वन्य-जीव अभिरक्षक के निर्देशन एवं निगरानी में समस्त पोस्टमार्टम एवं जाँच की जा रही है।

कृष्णमूर्ति ने बताया कि एसटीएसएफ प्रमुख और उनकी टीम डॉग स्क्वॉड के साथ घटनास्थल से पाच कि.मी. के इलाके में छानबीन कर मामले की जाँच कर रही है। अब तक क्षेत्र से धान, कोदो, पानी के नमूने लेकर जाँच के लिए स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ (एसडब्ल्यूएफएच) जबलपुर भेजे गए हैं। एसटीएसएफ की टीम ने डॉग स्क्वायड की मदद से 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली। घटना के संबंध में पाच लोगों से पूछताछ भी की गई।

उन्होंने बताया कि अब तक 6 हाथियों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है और एक हाथी का नमूना जाँच के लिए एसडब्ल्यूएफएच भेजा गया है। प्रारंभिक साक्ष्यों और पोस्टमॉर्टम के आधार पर पशु चिकित्सक की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार हाथियों की मौत का कारण कोदो की विषाक्तता प्रतीत होता है। इसकी तथ्यात्मक पुष्टि केवल फोरेंसिक लैब परीक्षण रिपोर्ट के बाद ही की जा सकेगी। एनटीसीए मध्य क्षेत्र के एआईजी नंदकिशोर काले भी मौके पर हैं। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली ने मामले की जाँच के लिए एक समिति गठित की है। राज्य शासन ने भी मामले की उचित जाँच के लिए एक राज्य स्तरीय जाँच समिति का गठन कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर