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8वें वेतन आयोग में महत्वपूर्ण बदलाव: जानें क्या होगा नया

8वें वेतन आयोग के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार केवल 50% महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने पर विचार कर रही है, जिससे वेतन की गणना में बड़ा बदलाव आएगा। जानें इस बदलाव का आपके वेतन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले नए नियमों के बारे में।
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8वें वेतन आयोग में महत्वपूर्ण बदलाव: जानें क्या होगा नया

8वें वेतन आयोग का महत्व


जब कर्मचारी 8वें वेतन आयोग का नाम सुनते हैं, तो उनकी पहली प्रतिक्रिया वेतन वृद्धि की गणना करना होती है। पहले यह माना जा रहा था कि 1 जनवरी 2026 को लागू होने पर, महंगाई भत्ता (डीए) मूल वेतन में शामिल हो जाएगा। इसके बाद नए वेतन की गणना फिटमेंट फैक्टर के आधार पर की जाएगी।


बदलाव की संभावनाएँ

हालांकि, अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार 60-61% डीए को मूल वेतन में नहीं जोड़ सकती। इसके बजाय, केवल 50% डीए को ही शामिल किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है, तो वेतन की गणना में बड़ा बदलाव आएगा।


इस बदलाव के पीछे का कारण क्या है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।


क्यों केवल 50% डीए को मर्ज किया जा सकता है

एक पुरानी नीति के अनुसार, जब डीए 50% तक पहुँच जाता है, तो उसे मूल वेतन में शामिल किया जाना चाहिए। जनवरी 2024 में डीए 50% हो गया था, लेकिन सरकार ने इसे मर्ज नहीं किया। जानकारों का मानना है कि इसे 8वें वेतन आयोग के लिए रोका गया था। इसका मुख्य कारण वित्तीय नियंत्रण है।


यदि 61% डीए को मर्ज किया जाता है, तो मूल वेतन में काफी वृद्धि होगी, जिससे HRA और TA जैसे भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी। इससे सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा।


डीए की गणना का नया आधार

एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि डीए की गणना का आधार वर्ष 2016 से बदलकर 2026 हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो डीए फिर से शून्य से शुरू होगा। इससे सरकार के लिए केवल 50% डीए को मर्ज करना आसान हो जाएगा।


इस प्रक्रिया के अनुसार, 1 जनवरी 2026 तक, डीए लगभग 60-61% होगा, लेकिन केवल 50% को ही मर्ज किया जाएगा। इसके बाद, नए मूल वेतन पर भविष्य के डीए की गणना की जाएगी।


भविष्य की संभावनाएँ

8वें वेतन आयोग का कार्यान्वयन 1 जनवरी 2026 से होने की उम्मीद है। पैनल का गठन 2025 के अंत तक हो सकता है और रिपोर्ट मार्च 2027 तक आ सकती है। वेतन में वृद्धि निश्चित है, लेकिन इसकी सटीक राशि नए नियमों पर निर्भर करेगी।