Newzfatafatlogo

AAP विधायक संजीव झा ने अधिकारियों के फोन न उठाने का मुद्दा उठाया

आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने दिल्ली विधानसभा में अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की समस्या को उठाया। उन्होंने सीएम रेखा गुप्ता के उस आदेश की आलोचना की, जिसमें कहा गया है कि विधायकों को डीएम या एसडीएम को बुलाने के लिए मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी। झा ने इसे जनतंत्र और संविधान का अपमान बताया और विधानसभा अध्यक्ष से इस आदेश को वापस लेने की अपील की। उनका कहना है कि इस तरह के आदेश से चुने हुए जनप्रतिनिधियों के कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है।
 | 
AAP विधायक संजीव झा ने अधिकारियों के फोन न उठाने का मुद्दा उठाया

विधायक का आरोप

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने गुरुवार को विधानसभा में अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की समस्या को उठाया। उन्होंने बताया कि जब वह एक जिलाधिकारी को फोन कर रहे थे, तो उन्होंने उनका फोन नहीं उठाया। इस स्थिति का कारण सीएम रेखा गुप्ता द्वारा जारी किया गया वह आदेश है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई विधायक या मंत्री किसी डीएम या एसडीएम को बुलाना चाहता है, तो उसे मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी।


आदेश की आलोचना

संजीव झा ने इस आदेश को पूरी तरह से गलत करार दिया। उनका कहना था कि ब्यूरोक्रेसी हमेशा ऐसे बहाने की तलाश में रहती है, जिससे चुने हुए जनप्रतिनिधियों के कार्यों में बाधा डाली जा सके। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि वह सरकार को इस आदेश को वापस लेने के लिए कहें।


सदन की अवमानना

दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन, झा ने कहा कि हाल ही में सीएम रेखा गुप्ता द्वारा जारी आदेश केवल विपक्ष के विधायकों के लिए नहीं, बल्कि सभी विधायकों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने इस संबंध में विशेषाधिकार नोटिस भी दिया है और उम्मीद जताई कि विधानसभा अध्यक्ष इसे स्वीकार करेंगे।


जनतंत्र का अपमान

संजीव झा ने चेतावनी दी कि यदि कार्यकारी शक्ति विधान मंडल को नियंत्रित करने लगेगी, तो यह जनतंत्र की परिभाषा को समाप्त कर देगी। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि वह सदन की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उनका कहना था कि इस तरह का आदेश सदन की अवमानना है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।


सीएम का आदेश गलत

झा ने कहा कि कोई भी ऐसा आदेश जो विधान मंडल को नीचा दिखाने का प्रयास करे, वह जनतंत्र और संविधान का अपमान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आदेश के कारण डीएम और एसडीएम का फोन न उठाना एक बहाना बन जाएगा। उन्होंने सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की।