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Ahmedabad में एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के हादसे की जांच में नए खुलासे

एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के अहमदाबाद से लंदन जाते समय हुए हादसे की जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। इस दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई थी। जांच में मिले ब्लैक बॉक्स से पायलटों की अंतिम कोशिशों और आपातकालीन सिस्टम की सक्रियता के बारे में जानकारी मिली है। जानें इस हादसे के पीछे की सच्चाई और क्या कारण बने इस त्रासदी के।
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Ahmedabad में एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के हादसे की जांच में नए खुलासे

एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 का हादसा

एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के हादसे की जांच: अहमदाबाद से लंदन जा रही बोइंग 787 विमान के दुर्घटना में 260 लोगों की जान गई। इस विमान का मलबा लगभग 1,000 फीट तक फैला हुआ पाया गया, जिससे जांचकर्ताओं के लिए कई सवाल खड़े हो गए।


ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी

ब्लैक बॉक्स ने खोला राज

जांच में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी दो 'एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर्स' (EAFR) से मिली। ये आधुनिक ब्लैक बॉक्स न केवल उड़ान डेटा बल्कि कॉकपिट की आवाज़ें भी रिकॉर्ड करते हैं। टेल सेक्शन में लगा पिछला रिकॉर्डर दुर्घटना के अगले दिन एक हॉस्टल के मेस की छत पर मिला, लेकिन वह बुरी तरह जल चुका था और उपयोगी नहीं रहा।


तीन दिन बाद मिला महत्वपूर्ण रिकॉर्डर

तीन दिन बाद मिला 'काम का बॉक्स'

तीन दिन बाद हॉस्टल बिल्डिंग 'एफ' के पास मलबे में आगे का ब्लैक बॉक्स मिला। यह आंशिक रूप से जल चुका था लेकिन अब भी सिस्टम से जुड़ा था। इसने 49 घंटे की उड़ान डेटा और 6 उड़ानों की जानकारी दी, जिसमें हादसे वाली उड़ान भी शामिल थी। इसके साथ दो घंटे की आवाज़ रिकॉर्डिंग ने अंतिम क्षणों की स्थिति को स्पष्ट किया।


पायलटों की कोशिशें

पायलटों ने की थी बचाने की कोशिश

कॉकपिट का सेंट्रल कंसोल भी बरामद हुआ। दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच 'RUN' पोजिशन में पाए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पायलटों ने अंतिम क्षणों में विमान को बचाने की कोशिश की। फ्लैप हैंडल भी सामान्य 5 डिग्री स्थिति में था, जो सामान्य टेकऑफ को दर्शाता है।


थ्रस्ट लीवर की स्थिति

थ्रस्ट लीवर की स्थिति बनी रहस्य

थ्रस्ट लीवर जले हुए हालत में पीछे की स्थिति में पाए गए, लेकिन ब्लैक बॉक्स के डेटा के अनुसार वे आगे टेकऑफ थ्रस्ट की स्थिति में थे। इससे संकेत मिलता है कि दुर्घटना के दौरान लीवर पीछे हटे होंगे, न कि पायलट ने ऐसा किया।


आपातकालीन सिस्टम की प्रतिक्रिया

आपातकालीन सिस्टम ने किया काम

जांच में यह भी सामने आया कि विमान के आपातकालीन सिस्टम सही तरीके से सक्रिय हुए। 'ऑक्सिलियरी पावर यूनिट' खुद चालू हो गया था, जिससे पुष्टि होती है कि सिस्टम ने इंजन फेलियर के बाद प्रतिक्रिया दी।


इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर की विफलता

ELT ने क्यों नहीं किया काम?

सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह रहा कि 'इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर' सक्रिय नहीं हुआ। रिपोर्ट में इसके बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।