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AI 171 विमान दुर्घटना: प्रारंभिक रिपोर्ट पर उठे गंभीर सवाल

एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के एक महीने बाद, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व वायुसेना अधिकारी संजीव कपूर ने रिपोर्ट को अधूरा और भ्रामक बताया है। उन्होंने पायलट के फ्यूल कट-ऑफ के निर्णय पर भी सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में तीन बार Mayday कॉल का उल्लेख है, जो पायलट की स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। कपूर ने रिपोर्ट में देरी और आवश्यक जानकारी की कमी पर भी चिंता जताई है। अब यह स्पष्ट है कि इस दुर्घटना की गहराई से जांच की आवश्यकता है।
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AI 171 विमान दुर्घटना: प्रारंभिक रिपोर्ट पर उठे गंभीर सवाल

दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर विवाद

अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने को एक महीना हो चुका है, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई थी। अब इस भयानक घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व वायुसेना अधिकारी और विमानन विशेषज्ञ संजीव कपूर ने इस रिपोर्ट को अधूरा और भ्रामक करार दिया है, जिससे जांच की गंभीरता पर संदेह उत्पन्न हुआ है.


क्या पायलट ने जानबूझकर फ्यूल कट-ऑफ किया?

AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, क्रैश से कुछ सेकंड पहले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट ने दूसरे से पूछा, "फ्यूल सप्लाई क्यों बंद की गई?" रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को RUN से CUTOFF पर एक ही सेकंड में शिफ्ट कर दिया गया, जिससे विमान की शक्ति समाप्त हो गई और वह तेजी से नीचे गिरा। इस पर कपूर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोई समझदार पायलट टेकऑफ के तुरंत बाद जानबूझकर फ्यूल कट-ऑफ क्यों करेगा? यह तर्कहीन है।


तीन बार Mayday कॉल का महत्व

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि विमान के गिरने से पहले पायलट ने लगातार तीन बार Mayday कॉल किया था। कपूर के अनुसार, यह इस बात का संकेत है कि पायलट को स्थिति की गंभीरता का एहसास था और वह अंतिम क्षण तक नियंत्रण में आने की कोशिश कर रहा था.


रिपोर्ट में देरी और आवश्यक जानकारी की कमी

कपूर ने रिपोर्ट जारी करने में हुई देरी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कॉकपिट डेटा तीन हफ्ते पहले डाउनलोड किया गया था, फिर भी रिपोर्ट आने में 20 दिन लगे और उसमें भी आवश्यक जानकारी का अभाव है। उन्होंने इसे "बेहद निराशाजनक" और "पारदर्शिता की कमी" बताया।


हादसे की गहराई से जांच की आवश्यकता

अब जब प्रारंभिक रिपोर्ट पर ही सवाल उठने लगे हैं, तो यह स्पष्ट है कि दुर्घटना की गहराई से जांच और सभी तकनीकी पहलुओं की पुनरावलोकन की आवश्यकता है। देश ने 241 जिंदगियों को खोया है और जवाबदेही सुनिश्चित करना अब एक नैतिक जिम्मेदारी बन चुकी है.